-सुभाष मिश्रछत्तीसगढ़ में कोई भी सरकार आती है तो वह कहती है कि हम सुशासन लाएंगे। सुशासन का मतलब सस्पेंशन नहीं होता है। सुशासन का मतलब यह नहीं होता कि उसमें कड़ाई की जाए। हम सुश...
-सुभाष मिश्रहम आधुनिक तकनीक के युग में जी रहे हैं। जब हम कहते हैं कि पूरा देश एक गांव है तो वह तकनीक है, जिसने पूरी दुनिया को एक गांव में तब्दील कर दिया है। जब मोबाइल के लिए यह...
-सुभाष मिश्रइस समय देश के जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। यह चुनाव बहुत दिन से प्रतिक्षित थे। इस बार जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर लोग वोट भी डाल रहे हैं। अ...
-सुभाष मिश्रआपदा में अवसर खोजने की कला कोई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीखे। कोरोना से जूझते देश को ताली-थाली बजाकर भयमुक्त करने की बात हो या फिर रातों-रात नोटबंदी करके कालाध...
-सुभाष मिश्रहमारे देश में शिक्षा बढ़ी, साक्षरता बढ़ी और तकनीक का बहुत विकास हुआ। विज्ञान ने नए-नए आविष्कार किए। मनुष्य ने चांद पर जाकर कब्जा जमाया। इसके अलावा भी वह बहुत सी जगह...
-सुभाष मिश्रबेलगाम अफसरशाही और घुड़सवार कहा जाता है कि अफसरशाही घोड़े की तरह होती है और घुड़सवार जिस तरह उसका लगाम कसेगा, घोड़ा उस तरह से चलेगा। अब सवाल है कि अफसरशाही बेलगाम ह...
-सुभाष मिश्रआज हिंदी दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है। जब मैं हिंदी की बात करता हूं तो मैं उसे हिंदुस्तान की तरह देखता हूं। जैसे हमारा देश बहुत सारे समुदायों से मिलकर बना है। ...
-सुभाष मिश्रदुष्यंत कुमार का शेर है कि-
रोने गिड़गिड़ाने का यहां कोई असर होता नहीं।
पेट भर के गालियां दें, जी भर के बद्दुआ।।
हम बात कर रहे हैं आवाज की और आवाज का मतलब शोर है...
-सुभाष मिश्र
कवि गजानंद माधव मुक्तिबोध की 60वीं पूण्यतिथि
प्रसिद्ध कवि गजानंद माधव मुक्तिबोध की 60वीं पूण्यतिथि है, 11 सितंबर 1964 में उनका निधन हुआ था, जबकि उनका जन्म 13 नवंबर 1...
-सुभाष मिश्रकहा जाता है कि रेल पटरी पर है। इसके बहुत से अर्थ होते हैं। आमतौर बोलचाल में कहा जाता है कि जीवन पटरी पर है। इसका मतलब है कि जीवन ठीक-ठाक चल रहा है। जब ट्रेन पटरी से...