editor-in-chief सुभाष मिश्र

editor-in-chief सुभाष मिश्र की कलम से -विभाजन की विभीषिका पर सियासत

-सुभाष मिश्रमनुष्य दरअसल स्मृतिजीवी होता है। वह स्मृतियों में जीता है। उसकी स्मृतियों में बहुत सी अच्छी स्मृतियाँ होती है और बहुत से खराब भी होती हैं। वह खराब स्मृतियों को भुला...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – स्त्री पर अत्याचार का कौन जिम्मेदार

-सुभाष मिश्रआज मैं जिसकी बात करने वाला हूं वह है समाज की मानसिकता की। दरअसल हम स्त्री को, विशेषकर कामकाजी स्त्री जो अक्सर घर से बाहर निकलती है। ऐसी स्त्री जब किसी पुरूष को जब अ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से - महंगाई ने बढ़ाई आरबीआई की चिंता

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – महंगाई ने बढ़ाई आरबीआई की चिंता

From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra - Inflation has increased RBI's, concern सुभाष मिश्र भारत के लोग जानते हैं कि हमारा देश त्योहारों का देश है। इस समय त्योहारों का...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – गैंगस्टरों ने बनाए ‘स्लीपर सेल

-सुभाष मिश्रअब केवल आतंकवादी संगठन या सरकारी गुप्तचर, सुरक्षा संबंधी एजेंसियों के ही नहीं बल्कि देश के भीतर गैंग चलाने वाले गिरोह भी अब स्लीपर सेल बनाने लगे है। बांग्लादेश में ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – वक्फ के असीमित अधिकार पर विवाद

-सुभाष मिश्रहमारे में देश में कहते हैं सभी भूमि गोपाल की या यह कहा जाता है कि जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों.कहा जाता है कि जिस जमीन का कोई मालिक नहीं है या अगर वक्फ की न...

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