-सुभाष मिश्र
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे घातक हमला माना जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंटÓ ने ली है। कश्मीर की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ रही थी। पर्यटक बड़ी संख्या में कश्मीर पहुंच रहे थे। कश्मीर में टी-20 का मैच हो रहा है। कश्मीर के युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा था एवं खुशहाली का माहौल बन रहा था। यह हमला सैलानियों पर नहीं कश्मीर की गरीब रियाया पर है। यह उनके पेट पर हमला है आतंकवादी कश्मीरियों के हमदर्द नहीं है। टूरिज्म को मारकर जेहाद नहीं होती।
इस घटना के पीछे पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना मुख्य लक्ष्य दिखता है। कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक प्रमुख स्तंभ है जो 2.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। इस हमले से पर्यटकों में डर पैदा करके कश्मीर के पर्यटन उद्योग को कमजोर करने की कोशिश की गई, जिसका सीधा असर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। हमले के बाद से कई पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी है। मजहब की पहचान के बाद लोगों को मौत के घाट उतारना हिन्दू-मुस्लिम के बीच तनाव पैदा करने की षड््यंत्रकारी घटना भी है। लोग इसे मजहबी नरसंहार की संज्ञा भी दे रहे हैं।
इस हमले के पीछे देश की वर्तमान राजनीति में उपजे विवाद को देखते हुए हिंदू-मुस्लिम तनाव को भड़काना आतंकियों की चाल है। उन्होंने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर और इस्लामी आयत (कलमा) न पढ़ पाने पर गोलियां चलाकर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का प्रयास किया। इस तरह की कार्रवाइयों का मकसद हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत को बढ़ाना और सामाजिक एकता को तोडऩा है। इस घटना का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित करना भी रहा है। हमला उस समय हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब में थे। इससे आतंकियों का इरादा वैश्विक सुर्खियां बटोरने और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रतीत होता है। कई विशेषज्ञों ने इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की हताशा से जोड़ा है, खासकर अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगने के कारण। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की जुगुलर वेन बताया, को इस हमले के लिए उकसाने वाला माना जा रहा है। आतंकियों का उद्देश्य कश्मीर में शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करना है। पर्यटकों पर हमला करके वे स्थानीय लोगों और सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं ताकि क्षेत्र में अस्थिरता बनी रहे।
जम्मू-कश्मीर में परिवार के साथ छुट्टियां मनाने आए सैलानियों पर आतंकवादियों ने सिर्फ टूरिस्टों पर गोलियां नहीं बरसाई हैं, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था और 2.5 लाख कश्मीरियों के पेट पर सीधे हमला किया है। इस हमले के बाद अब न सिर्फ कश्मीर की आर्थिक तरक्की पर ब्रेक लगेगा बल्कि लाखों कश्मीरियों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो जाएगा। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केवल जान-माल की क्षति नहीं, बल्कि कश्मीर की आत्मा कश्मीरियत पर सीधा हमला है। इस वारदात ने न सिर्फ सैलानियों के भरोसे को तोड़ा है, बल्कि घाटी की आर्थिक रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटन उद्योग को भी गहरे संकट में डाल दिया है। हर गोली जो किसी पर्यटक पर चली, उसने कश्मीर की अर्थव्यवस्था को कई साल पीछे धकेल दिया है। कश्मीर का सालाना पर्यटन उद्योग 12,000 करोड़ रुपये का है। एक अनुमान के मुताबिक, साल 2030 तक ये उद्योग बढ़कर 25,000 करोड़ से 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला था। राज्य की कुल जीडीपी में कश्मीर के पर्यटन की 7-8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। साल 2020 में यहां 34 लाख सैलानी आए थे, 2021 में कश्मीर आने वाले सैलानियों की संख्या कई गुना बढ़कर 1.13 करोड़ हो गई। फिर 2022 में यहां 1.88 करोड़, 2023 में 2.11 करोड़ और 2024 में 2.36 करोड़ सैलानी आए। 2024 में आए कुल सैलानियों में 65,000 से ज्यादा विदेशी सैलानी शामिल थे। कश्मीर के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम और डल झील का नाम सबसे ऊपर है। साल 2024 में गुलमर्ग ने 103 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग में 5 बड़े फैसले लिए गए। जिसमें सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीजा से अब भारत में एंट्री नहीं कर पाएंगे। जो लोग सार्क वीजा पर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे में भारत छोडऩा होगा। भारत में पाकिस्तानी दूतावास बंद, एक हफ्ते में पाकिस्तानी राजनयिक भारत छोड़ें। सारे पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सऊदी अरब का दौरा छोटा करके वापस लौटकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो भी इस घटना का जिम्मेदार है, उसे पूरी ताकत के साथ जवाब दिया जाएगा। वे तुरंत श्रीनगर पहुंचे, पीडि़तों को श्रद्धांजलि दी और सुरक्षा समीक्षा बैठक की। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने हमले को हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला बताया और सुरक्षा में चूक की जांच की मांग की। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर ने हमेशा पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है। ऐसी हिंसा अस्वीकार्य है। उन्होंने सुरक्षा चूक की गहन जांच और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हमले को कायराना और दिल दहलाने वाला बताया और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों की हत्या किए जाने से हमें गहरा दुख और सदमा पहुंचा है। कांग्रेस पार्टी कड़े से कड़े शब्दों में इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करती है। उन्होंने कहा कि यह हमला हमारे देश की एकता और अखंडता पर कायराना हमला है।
पहलगाम आतंकी हमले पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। आतंकियों और उसके आका पाकिस्तान पर लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही है। राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस आतंकी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति है। मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। इस आतंकी हमले के दोषियों के साथ ही इसके पर्दे के पीछे छिपे लोगों तक भी पहुंचा जाएगा। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि करारा और स्पष्ट जवाब दिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि जल्द ही इसका रिजल्ट भी देखने को मिलेगा।
राबर्ट वाड्रा के बयान को लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। आतंकी हमले पर दुख जताते हुए बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं, ऐसी घटनाओं से कोई मुद्दा नहीं उठता। नागरिकों पर हमला करके मुद्दों को उठाना कायरतापूर्ण तरीका है। धर्म और राजनीति को अलग-अलग रखना चाहिए। आतंकवादियों ने लोगों का आईडी कार्ड चेक करने के बाद उन्हें मारा क्योंकि उन्हें लगता है कि मुसलमानों को दबाया जा रहा है। मैं इसके पूरी तरह खिलाफ हूं लेकिन जब तक हम एकजुट और धर्मनिरपेक्ष नहीं होंगे तब तक हमारी कमज़ोरियां और मुद्दे हमारे पड़ोसी देशों को ज़्यादा दिखाई देंगे।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति ने कहा कि अब हमले वाली जगह के लोग बेरोजग़ार हो जाएंगे, केंद्र सरकार को ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हमले पर शोक जताते हुए कहा कि हम भारत और इसके लोगों की खूबसूरती के कायल हुए हैं। इस भयानक हमले में हमारी संवेदनाएं पीडि़तों के साथ हैं। ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने कश्मीर में हुआ आतंकवादी हमला बेहद भयावह है। मेरी संवेदनाएं भारत के लोगों के साथ हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और इतालवी पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भी हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। जो सामाजिक प्रतिक्रियाएं आई है वह भी भविष्य के लिए आशान्वित करती है।
पहलगाम के स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर हमले का विरोध किया और कहा कि हम पहले हिंदुस्तानी हैं, फिर कश्मीरी। सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा जताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की।
कश्मीर के लोगों का गुस्सा आतंकी संगठनों पर कठोर कार्रवाई को लेकर जाहिर हो रहा हैं। लोगों का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले में विरोध में कश्मीर घाटी में निजी स्कूल भी बंद हैं, घाटी में कई स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन भी हुए, प्रदर्शनकारियों ने हमले की निंदा की।
पहलगाम आतंकी हमला न केवल एक मानवीय त्रासदी है, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था, सामाजिक एकता और वैश्विक छवि पर गहरा आघात है। आतंकियों का मकसद पर्यटन को नष्ट करना, सांप्रदायिक तनाव भड़काना और अस्थिरता फैलाना था। भारत सरकार और विश्व नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की है और कठोर कार्रवाई का वादा किया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा, खुफिया और कूटनीतिक उपायों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास पर ध्यान देना होगा।