Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – इलाज पर भारी पड़ रही प्राइवेट प्रैक्टिस

-सुभाष मिश्रकोरोना काल में डॉक्टरों को भगवान के रूप में देखा गया। इस दौरान निश्चित रूप से डॉक्टर ने बहुत से लोगों की जान बचाई। बहुत सी ऐसी सलाह दी, जिससे कि लोग अपने घरों में स...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – ट्रंप जीतीस, कमला हारिस

-सुभाष मिश्रपूरी दुनिया जिस चुनाव परिणाम के लिए टकटकी लगाए थी, उसका परिणाम आ गया। अमेरिका में एक बार फिर ट्रंप जीत कर आए है, ट्रंप की जीत के क्या मायने हैं? अगर हम जीत-हार को छ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – सोशल मीडिया पर दिखते हैं खुश, होते नहीं

-सुभाष मिश्रसोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर हम बहुत से लोगों को मित्र बना लेते हैं और हम उनको खुश देखते हैं। लोग अपने निजी पलों को शेयर करते हैं और यह बताने की कोशिश करते हैं कि वे ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – युवा छत्तीसगढ़ में बढ़ता विकास 

-सुभाष मिश्रछत्तीसगढ़ राज्य युवा हो रहा है। 1 नवंबर 2000 को इस राज्य की स्थापना हुई और 4 नवंबर को अपना राज्योत्सव मना रहा है। इस बार राज्योत्सव नया रायपुर में मनाया जा रहा है। ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – मंत्रिपरिषद की बैठक के निर्णय 

-सुभाष मिश्रविष्णु का सुशासन और मोदी की गारंटी का राज है। जबसे भाजपा सरकार में आई है और आदिवासी समुदाय से आने वाले विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उनको लेकर बहुत सी बा...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – महामहिम मुर्मू ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान

-सुभाष मिश्रराष्ट्रपति देश का सर्वोच्च पद होता है, इस पर महामहिम द्रौपदी मुर्मू आसीन हैं। ऐसे में अगर वह छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य में जाती है और वहां 2 दिन का समय बिताती हैं। ...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – जनसंख्या मामले में देशहित पर भारी राजनीतिक हित

-सुभाष मिश्रदेश की सरकार लाख कहे कि दो या तीन बच्चे होते हैं अच्छे, मगर हकीकत कुछ और ही है। आज पूरी दुनिया में हम सबसे बड़ी आबादी हैं। दो या तीन बच्चे के बाद नारा आया हम दो-हमा...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – हसदेव अरण्य की हंसी गायब 

-सुभाष मिश्रहसदेव अरण्य की आज हंसी गायब है। आखिर किसी भी जंगल या अरण्य की हंसी क्यों गायब हो जाती है? जंगल हमको इसलिए अच्छा लगते हंै, क्योंकि वहां तरह-तरह के पशु-पक्षी और पेड़-...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – अपराधियों का महिमा मंडन

-सुभाष मिश्रहमारे समाज में जो अपराध बढ़ रहा है, उसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि अपराधियों का महिमा मंडन बहुत ज्यादा हो रहा है। समाज में अपराध बहुत अधिक बढ़ रहा है, इसके पीछे की वज...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – न्याय की देवी ने खोली ‘आँख’ 

-सुभाष मिश्रअब कानून अंधा नहीं रहा। कई बार बात होती है कि अंधा कानून है, क्योंकि अब तक न्याय की देवी की आंखों पर काली पट्टी बंधी होती थी। पट्टी बांधने का अर्थ यह होता है कि न्य...

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