-सुभाष मिश्र
किसी भी राज्य में प्रधानमंत्री की यात्रा के अपने-अपने मायने हैं और यदि यह यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर की यात्रा और उनका कार्यक्रम हो तो यह एक अलग मायने रखता है। पिछले दिनों संजय जोशी को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चा हो या संघ से भाजपा के नेताओं की दूरी, मनमुटाव या संघ की गाइड लाइन से हटकर बयानबाज़ी या नागपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा और प्रदर्शन। बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रायपुर के बाद दूसरा बड़ा शहर है, जहां प्रधानमंत्री पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवदुर्गा स्थापना के पहले दिन यानी 30 मार्च को महाराष्ट्र के नागपुर और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का दौरा किया। अपने नागपुर प्रवास के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरएसएस और भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की। उन्होंने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय, स्मृति मंदिर में संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आक्रमणों का सामना किया, लेकिन उसकी चेतना कभी खत्म नहीं हुई। उन्होंने आरएसएस को अक्षय वट बताते हुए इसके सामाजिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कठिन से कठिन दौर में भी सामाजिक आंदोलन होते रहे, जैसे भक्ति आंदोलन, जिसने राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा दी। आरएसएस आज इस चेतना को जीवित रखने का कार्य कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा, भारत की संस्कृति को मिटाने के लिए क्रूर प्रयास किए गए, लेकिन हमारी सनातन परंपरा अमर रही। आज आरएसएस एक वट वृक्ष बन चुका है जो इस सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा कर रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर बहस चल रही है। हालांकि पीएम ने सीधे तौर पर इसका जिक्र नहीं किया।
नागपुर में स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर देते हुए पीएम ने माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखी और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और एम्स की संख्या दोगुनी की है, साथ ही मेडिकल सीटें बढ़ाई है ताकि गरीब बच्चे भी डॉक्टर बन सकें। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना और जन-औषधि केंद्रों के जरिए करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज और सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की बात कही।उन्होंने रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड में यूएवाय (मानव रहित हवाई वाहन) के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन टेस्टिंग रेंज और रनवे सुविधा का उद्घाटन किया।
ऐसे समय जब उत्तर प्रदेश में करणी सेना द्वारा समाजवादी पार्टी से जुड़े दलित वर्ग के सांसद रामजी लाल सुमन के घर हुए बनते को लेकर प्रदर्शन जारी है और विपक्ष इसे दलितों पर हमला बताकर भाजपा को घेरने की फिऱाक़ में तब नागपुर में बाबा साहेब डॉ बी आर अम्बेडकर की दीक्षाभूमि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देकर चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, उगादी जैसे त्योहारों का उल्लेख करते हुए भारत की सांस्कृतिक एकता की बातों के अपने मायने हैं। आरएसएस के शताब्दी वर्ष में प्रधानमंत्री का यह पहला संघ मुख्यालय दौरा था, जो संगठन के साथ उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। यह सियासी रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दौरा बीजेपी और आरएसएस के संबंधों को मजबूत करने का संकेत है । मीडिया चाहे जो चर्चा करें संघ और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व एक दूसरे की उपयोगिता और महत्व को अच्छी तरह से समझता है। अब बात प्रधानमंत्री के बिलासपुर दौरे की तो उन्होंने बिलासपुर में 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की
विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें एनटीपीसी सीपत सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट चरण-ढ्ढढ्ढढ्ढ (1म800 मेगावाट) 9,790 करोड़ रुपये की लागत, बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना (2म660 मेगावाट)- 15,800 करोड़ रुपये की लागत। पावरग्रिड की तीन विद्युत पारेषण परियोजनाएं- 560 करोड़ रुपये की लागत बीपीसीएल की सिटी गैस वितरण परियोजना- सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और सरगुजा जिलों में स्वच्छ ऊर्जा के लिए एचपीसीएल की विशाख-रायपुर पाइपलाइन- 2,210 करोड़ रुपये की लागत से पेट्रोलियम आपूर्ति सुलभ होगी।
रेलवे (बिलासपुर-रायपुर चौथी लाइन), सड़क, शिक्षा और आवास क्षेत्र की परियोजनाएँ भी शामिल है। आवास और शिक्षा में प्रगति-प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 3 लाख लाभार्थियों का गृह प्रवेश कराया और कुछ को चाबियाँ सौंपी। 29 जिलों में 130 पीएम श्री स्कूल और रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र को राष्टप्त को समर्पित किया।
छत्तीसगढ़ को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने के अभियान को मिल रही सफलता और मुठभेड़ में लगातार मारे जा रहे नक्सली तथा पुलिस के सामने समर्पण करते नक्सलियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने नक्सलवाद पर कांग्रेस की निष्क्रियता की आलोचना करते हुए कहा, 60 साल सत्ता में रहने वाली पार्टी ने नक्सलवाद पर क्या किया? सिर्फ जिलों को पिछड़ा घोषित कर छोड़ दिया। हम आदिवासी भाई-बहनों के विकास के लिए काम कर रहे हैं। पीएम जनमन योजना के तहत बिरहोर, बैगा और पहाड़ी कोरवा जैसी जनजातियों के लिए विशेष योजनाओं का उल्लेख किया।
यदि हम प्रधानमंत्री की इस छत्तीसगढ़ यात्रा की बात करें तो बिलासपुर में घोषित परियोजनाएं छत्तीसगढ़ को बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और शिक्षा में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के शब्दों में यह नवरात्रि के शुभ अवसर पर राज्य को मिली सौगात है।