New action: ग्रीष्म ऋतु के लिए नलकूप खनन पर नई कार्रवाई, जल सुरक्षा को प्राथमिकता

ग्रीष्म ऋतु के लिए नलकूप खनन पर नई कार्रवाई, जल सुरक्षा को प्राथमिकता

कोरिया/सोनहत। आगामी ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर, कोरिया जिले में पेयजल की कमी से निपटने के लिए कलेक्टर श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, 01 अप्रैल 2025 से 31 जुलाई 2025 तक जिले को जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। यह कदम जल संरक्षण के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-03 का उल्लेख करते हुए, कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति या एजेंसी को सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना नया नलकूप खनन करने की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय जल संकट को रोकने और जल संसाधनों के संरक्षण के लिए आवश्यक है।

हालांकि, सरकारी एजेंसियों जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और नगर पालिका परिषद को अपने क्षेत्र में पेयजल के लिए नलकूप खनन में छूट दी गई है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आवश्यकतानुसार जल की उपलब्धता बनी रहे।

सोनहत के अनुविभागीय अधिकारियों राकेश कुमार साहू को प्राधिकृत अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करेंगे। प्राधिकारियों का कहना है, “हम इस प्रक्रिया को सरल बनाना चाहते हैं ताकि लोग आसानी से जल संरक्षण के महत्व को समझें और इसके लिए आवश्यक कदम उठाएं।”

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कोरिया जिले में उठाए गए ये कदम जल सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस आदेश के माध्यम से, प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि जल संसाधनों का संरक्षण किया जाए और आने वाले ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की कमी से निपटने के लिए ठोस उपाय किए जाएं। यह पहल न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक कदम है, जो जल संकट के खिलाफ एक मजबूत रक्षा तंत्र स्थापित करती है।

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