राजकुमार मल
भाटापारा- अतिरिक्त पाईप डाले जाने के बाद भी पर्याप्त पानी नहीं आता देखकर बोर की गहराई बढ़ाने का काम कर रहीं हैं डेयरियां, तो ग्वाले भी इसी तरह की कवायद करने में जुटे हुए हैं ताकि भीषण गर्मी में मवेशियों की प्यास बुझाई जा सके।
Related News
सामान्य से दो घंटे ज्यादा चमक रहा है सूर्य
राजकुमार मल
भाटापारा। सूर्य चमक लगभग 12 घंटे। नमी महज 35 प्रतिशत। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा। सूर्य की पराबैंगनी किरणें बेहद त...
Continue reading
सरायपाली कैट अध्यक्ष मदन अग्रवाल ने प्रदेश अध्यक्ष को समस्याओ से अवगत कराया था
दिलीप गुप्ता सरायपाली सरायपाली नगर व ग्रामीण क्षेत्रो में लगातार विद्युत समस्याओ से व्यापारीगण ...
Continue reading
किसानों को मिली वर्षों से लंबित समस्याओं से मुक्ति
ग्रामीणों ने विष्णु सरकार का किया आभार प्रकट
कोरियाछत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित सुशासन तिहार ने कोरिया जिले के ग्रामीणों और...
Continue reading
-सुभाष मिश्रभारत आज विकास के जिस सुनहरे दौर से गुजर रहा है, वह अभूतपूर्व है। सड़कें, रेल, बंदरगाह और स्मार्ट शहर हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है। भारतमाला पर...
Continue reading
सक्तीअग्रसेन चौक में आज सर्व हिंदू समाज, हिंदू संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण जायसवाल , जिला अध्यक्ष राजू अग्रवाल, एवं जांजगीर लोकसभा सांसद कमलेश जांगड़े के नेतृत्व में आज ...
Continue reading
अतिरिक्त निर्माण, रेनोवेशन, उद्यान के लिए 25 लाख की घोषणा
रायपुर। प्रदेश के पूर्व मन्त्री एवं रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम...
Continue reading
छात्रों ने देखा ...विज्ञान केंद्र , मुक्तांगन और जंगल सफ़री
भुवनेश्वर प्रसाद साहूकसडोल / सोनाखानशैक्षणिक भ्रमण योजना के तहत पीएमश्री स्कूल कसडोल के बच्चो ने विज्ञान सेंटर ...
Continue reading
-सुभाष मिश्रसाइलेंट डायवोर्स अब एक ग्लोबल शब्द युग में बन चुका है और यह कोई ऐसा शब्द भी नहीं रहा कि बहुत पहले पश्चिमी देशों में आया और फिर हमारे यहां आया है। टेक्नोलॉजी के विका...
Continue reading
हिंगोरा सिंहअंबिकापुरशनिवार विश्व पशु चिकित्सा दिवस के अवसर पर अग्रसेन गौशाला, चढिश्मा, अंबिकापुर में पशुधन विकास विभाग द्वारा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया ...
Continue reading
सक्ती7वे वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में डाँ. चौलेश्वर चंद्राकर ने पुणे महाराष्ट्र में रिसर्च पेपर छत्तीसगढ़ का मदकूद्वीप पुरातत्वीय धरोहर एवं धार्मिक आस्था का केंद्र का वाचन कर ...
Continue reading
पूर्व में अनेकों अपराधिक घटनाओं को मुसाफिरों ने दिया अंजाम
मकान मालिकों को किरायेदार और अपनी पहचान थाने में दर्ज कराना अनिवार्य, ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस की कड़ी निगरानी
पत्थल...
Continue reading
पुलिस को गुमराह करने कार में लगाया गलत नंबर प्लेट
पत्थलगांव(दिपेश रोहिला) । बगीचा पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि ग्राम कुहापानी के पास मेन रोड में एक मारुति अर्टिगा गाड़ी दुर्...
Continue reading
पोहा और चावल मिलों के बाद अब जल संकट ने दूध उत्पादक क्षेत्र में दस्तक दे दी है। हर मुमकिन कोशिश में मिल रही असफलता को देखकर अब नया बोर खनन जैसे अंतिम विकल्प पर विचार कर रहे इस क्षेत्र के सामने बड़ी बाधा बन रहा है यह सवाल कि ‘फिर भी नहीं मिला पानी तो…?’

माह भर पहले दस्तक
बीते 2 साल से भूजल भंडार कम होता जा रहा है। इस बार यह संकट इसलिए चिंताजनक माना जा रहा है क्योंकि अप्रैल मध्य में आने वाले संकट ने मार्च में ही दस्तक दे दी है। इसमें और विस्तार की आशंका इसलिए बन रही है क्योंकि भूजल का भंडार लगातार घट रहा है। इसलिए दुग्ध उत्पादक क्षेत्रों ने पास-पड़ोस की जल उपलब्धता वालों से संपर्क बढ़ाने चालू कर दिए हैं।
काम नहीं आ रहे यह उपाय
बोर की गहराई तो पर्याप्त है लेकिन जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिलता देखकर पाइप की संख्या बढ़ाने की कोशिश की लेकिन काम नहीं आ रहे यह उपाय। लिहाजा बोर की गहराई बढ़ाने जैसी कोशिशें की जा रहीं हैं। इसके बावजूद उपलब्धता, ज़रूरतें पूरी नहीं कर पा रहीं है। इसलिए अन्य विकल्प की खोज में है डेयरियां और ग्वाले ताकि संकट के दिनों में मवेशियों की प्यास बुझाई जा सके।

नहीं मिला पानी तो…?
नया बोर खनन जैसे उपाय पर विचार तो किया जा रहा है लेकिन यक्ष प्रश्न यह कि ज्यादा गहराई पर जाने के बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में भूजल भंडार नहीं मिला तो कैसे हल की जा सकेगी यह किल्लत ? इसके अलावा चिंता की वजह वे जलाशय, वे तालाब और कुंए भी बन रहे हैं, जिनका पानी भी तेजी से कम हो रहा है। जो आपातकालीन स्थितियों में साथ देते थे। मालूम हो कि शहर में आधा दर्जन से ज्यादा डेयरियां संकट के घेरे में आ चुकीं हैं।