- 8 जिलों के एसपी को भेजा फर्जी नोटिस
- 5 लाख जमा करने की दी चेतावनी
कोरिया। कोरिया जिले में पुलिस ने आबकारी विभाग के उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूर्व पत्नी के नाम से कोरिया एसपी समेत 8 जिलों के एसपी को फर्जी नोटिस भेजा था। इतना ही नहीं आरोपी ने सभी को तीन दिनों के अंदर पांच लाख जमा कराने की चेतावनी भी दी थी।
आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लेकर जब उससे पूछताछ किया तो सच जानकार वो भी हैरान रह गए। आरोपी ने बताया कि पत्नी से उसका तलाक हो गया है और उसे परेशान करने के लिए उसने पत्नी के नाम से कोरिया एसपी सहित 8 जिलों के एसपी को फर्जी नोटिस भेजा था।
पोस्ट में आरटीआई कार्यकर्ता कोरबा का उल्लेख था
दरअसल, 16 अक्टूबर को एसपी कार्यालय कोरिया में एक स्पीड पोस्ट मिला। इस बंद लिफाफे पर प्रेषक के रूप में अनीता प्रजापति, आरटीआई कार्यकर्ता कोरबा का उल्लेख था। पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरिया के मुख्य लिपिक ने जब इस लिफाफे को खोला गया, तो उसमें अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी द्वारा अनीता प्रजापति की ओर से रजिस्टर्ड सूचना पत्र भेजा गया था।
इस पत्र में, कथित अधिवक्ता ने एसपी कोरिया पर कई मनगढंत और बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे। साथ ही आरटीआई एक्टिविस्ट के खाते में तीन दिनों के भीतर 5 लाख की राशि जमा करने की चेतावनी दी थी।
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शुरुआती जांच में पता चला वकील ने नहीं भेजा डाक
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य लिपिक फ्रांसिस जेवियर बेक ने थाना प्रभारी बैकुंठपुर को जांच के लिए आवेदन दिया। शुरुआती जांच में पता चला कि अनीता प्रजापति और उसके अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी ने डाक नहीं भेजा है।
इसके बाद लिफाफे में दर्ज स्पीड पोस्ट नंबर की मौके पर जांच की गई। टेक्निकल इनपुट के आधार पर पता चला कि दिलीप प्रजापति नाम का व्यक्ति अनीता प्रजापति का पूर्व पति था। जिसने पूर्व पत्नी को परेशान करने के लिए फर्जी पत्र भेजा था।
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उप निरीक्षक का पत्नी से हो चुका है तलाक
बता दें कि आरोपी दिलीप प्रजापति आबकारी विभाग में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत है, जिसका पत्नी से तलाक हो चुका है। न्यायालय के आदेश के अनुसार उसे 14,000 रुपए प्रति माह का भुगतान करना पड़ रहा है। जिस वजह से उसने ऐसा कदम उठाया। ताकि पत्नी पुलिस कार्रवाई से परेशान हो जाए।
पत्नी के अधिवक्ता को भी फंसाना चाहता था
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि दिलीप प्रजापति ने पत्नी के मेन्टेनेंस मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किया था। वह पत्नी के साथ-साथ उसके वकील को भी फंसाना चाहता था।
अपराध में उपयोग किए गए कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज जब्त कर लिए गए। पर्याप्त सबूत मिलने पर 25 अक्टूबर को आरोपी की गिरफ्तारी की गई। शनिवार को पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया।