गौरव पथ निर्माण हमेशा विवादों के साथ ही निर्मित हो रहा है
दिलीप गुप्ता
सरायपाली :- नगर में निर्माणाधीन गौरवपथ निर्माण में लापरवाही व अनियमितता बरते जाने के आरोप में नगरपालिका सरायपाली के उप अभियंता भुवन लाल कौशिक को नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है । तत्कालीन एक और अधिकारी भी कार्यवाही हो सकती है ऐसी सूत्रों से जानकारी मिली है ।
काफी संघर्षों व मांगो के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा लगभग 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति के बाद इसका निर्माण कार्य प्रारंभ भी किया गया था ।किंतु दुखद की इतने बड़े निर्माण कार्य के दौरान कभी भी संबंधित अधिकारी , उप यंत्री या विभाग के किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति को इसकी मॉनिटरिंग करते नही देखा गया । ठेकेदार ने जो बनाया वही सही मानकर इसकी अनदेखी की गई । इसे लेकर नगरवासियों में व सोशल मीडिया में लगातार आक्रोश भी देखा गया । किंतु सबसे दुखद पहलू इसका यह रहा कि जिस कांग्रेस सरकार के समय कांग्रेस समर्थित नगर सरकार ने पास कराया व अपने हांथो इसका शिलान्यास किया उसी नगर अध्यक्ष व कांग्रेस पार्षदों ने कभी भी इसके निर्माण में बरती जा रही लापरवाही , अनियमितताओं व पूर्व प्रस्ताव से हटकर व बगैर विभाग के अनुमति लिए इसके प्राक्कलन में छेड़छाड़ कर अपने हिसाब से निर्माण किये जाने के खिलाफ एक शब्द भी न बोला गया और न ही अपेक्षित विरोध किया गया ।
सरायपाली का बहुप्रतीक्षित गौरवपथ प्रारम्भ से ही विवादों में रहा है । अपने निर्माण के समय से लेकर अभी तक किसी न किसी मुद्दे को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित होती रही है । गौरवपथ निर्माण में नगरपालिका परिषद की भूमिका व खासकर स्वार्थवादी व तुष्टीकरण की राजनीति ने गौरवपथ निर्माण को हमेशा विवादित बना दिया । स्वीकृत प्राक्कलन को अपने हिसाब से व अपनो को लाभ दिलाने के चक्कर मे जिस उद्देश्य को लेकर गौरवपथ का निर्माण किया जाना था ठीक इसके विपरीत अपने निजी स्वार्थवश व जिद के चलते वह पूरा नही हो पा रहा है । पूर्व में बेहतर व सुरक्षित यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुवे गौरवपथ में डिवाइडर को पर्याप्त ऊँचाई दी गई थी तो वही बहुत कम स्थानों पर सड़क पार किये जाने हेतु क्रासिंग (कट) को स्वीकृति प्रदान की गई थी ताकि यातायात व्यवस्थित व सुरक्षित रहे किंतु नगरपालिका में नई भाजपा समर्थित नगर सरकार आने के बाद प्रभारी अध्यक्ष द्वारा डिवाइडर की ऊँचाई कम कर दी गई व व्यवसाय व व्यवसायियों को कम क्रासिंग ( कट ) से होने वाली असुविधा का आड़ लेकर नगरवासियों को सुविधा मिल सके इसके लिए कई गुना अधिक क्रासिंग बना दिया गया । जो आने वाले समय मे दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण बनेगा । 6.5 किलोमीटर में गौरवपथ के निर्माण में अभी लगभग घंटेश्वरी मंदिर से पुराना पेट्रोल पंप तक 2 किलोमीटर में ही 23 स्थानों पर अनावश्यक रूप से 20 से 70 फिट चौड़ाई तक का क्रासिंग बना दिया गया है ।
ठेकेदार को डिवाइडर की ऊंचाई काम करने व जगह जगह क्रासिंग छोड़े जाने का निर्देश मौखिक रूप से दिया गया था । इस आदेश के परिपालन में ठेकेदार द्वारा भी औपचारिकतावश बगैर लिखित आदेश के डिवाइडर की ऊंचाई लगभग 2 फिट कम कर दी गई व असीमित क्रासिंग का निर्माण कर दिया गया । इस मुद्दे के साथ ही कई बार सड़क की चौड़ाई को लेकर भी “आज की जनधारा ” द्वारा समाचार प्रकाशन के माध्यम से ध्यान आकर्षित कराया गया था । किंतु किसी ने भी इसे गंभीरता से नही लिया । बाद में इसकी जानकारी मंत्रालय तक भेजी गई । जांच के बाद शिकायत सही पाये जाने पर नगरीय प्रशासन द्वारा सरायपाली नगरपालिका के उप अभियंता भुवन लाल कौशिक को निलंबित कर दिया गया । जानकारी के अनुसार तत्कालीन एक अधिकारी पर भी गौरवपथ निर्माण में अनियमितताओं के आरोप पर कार्यवाही किये जाने की संभावना बताई जा रही है ।
इस संबंध में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक शा /विविध 6553/2024/5654 दिनांक 04/10/24 को एक आदेश जारी करते हुवे
भुवन लाल कौशिक, उप अभियंता, नंगर पालिका परिषद सरायपाली द्वारा जाँच प्रतिवेदन के अनुसार गौरव पथ में निर्माणाधीन डिवाईडर 90 सें.मी. की ऊँचाई प्रस्तावित थी किन्तु बिना सक्षम स्वीकृति / तकनीकी स्वीकृति के डिवाईडर की ऊँचाई 30 सें.मी. कम कर 60 सें.मी. ऊँचे डिवाईडर का निर्माण किये जाने, वृक्षों की कटाई का कार्य शेष होने, गौरव पथ निर्माण कार्य के साथ नाली निर्माण कार्य बाईं ओर 4000 मीटर के विरूद्ध मात्र लगभग 2800 मीटर, दाई ओर प्रस्तावित 4000 मीटर के विरुद्ध लगभग 2150 मीटर नाली का निर्माण किया गया है। नाली निर्माण का कार्य कई स्थानों पर छोड़-छोड़ कर बनायी जाने, स्लैब में पेंट द्वारा लेबल अंकित नहीं किये जाने, डब्ल्यू.एम.एम का प्लांट भंवरपुर रोड में स्थापित किया गया है। निरीक्षण तिथि 11.07.2024 को कार्य बंद पाये जाने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया ।