रमेश गुप्ता
भिलाई। पेट दर्द से परेशान कबीरधाम की एक महिला का भिलाई कोहका में सफल ऑपरेशन किया गया। महिला लगभग 4 सालों से पेट के दर्द से परेशान थी। कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी उसे परेशानी से निजात नहीं मिली। इसके बाद उसे कोहका भिलाई स्थित सूरज नर्सिंग होम के बारे में पता चला। इसके बाद यहां पहुंची और रिपोर्ट देखने के बाद इनके ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। महिला के बच्चेदानी का सफल ऑपरेशन कर बच्चेदानी से 4.2 किग्रा का गांठ निकाला गया। अब महिला पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
कबीरधाम जिले के पंडरिया थाना क्षेत्र के ग्राम रेंगाखार निवासी सुखमत मरावी बीते चार सालों से पेट के दर्द से परेशान थी। सुखमत ने शुरुआत में समझा कि सामान्य बीमारी है इसके लिए उसने आसपास इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद कुछ बडें डॉक्टरों को भी दिखाया तो उसे पेट में गांठ का पता चला। इसके कारण उसे पेट दर्द तो होता था साथ की बच्चे दानी से खून निकलने की भी परेशानी होती थी। डॉक्टरों ने जटिल बीमारी बताकर इलाज में काफी खर्च बता दिया। कुछ डॉक्टरों ने तो इलाज करने से ही मना कर दिया था। पैसों की तंगी के कारण सुखमत ने इलाज कराने का इरादा छोड़ दिया। इस दौरान किसी ने उसे कोहका के सूरज नर्सिंग होम के संबंध में बताया। इसके बाद वह अपने पति के साथ 31 मार्च को सूरज नर्सिंग होम कोहका पहुंची।
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रिपोर्ट में सामने आया 4.2 किग्रा का गांठ
अस्पताल पहुंचने के बाद यहां की स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ मीता डे ने पूरी जानकारी ली। इसके बाद मरीज का अल्ट्रा साउंड व सिटी स्कैन कराया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि मरीज की बच्चे दानी में लगभग 4.2 किग्रा की गांठ है। इसका एक ही इलाज था कि ऑपरेशन कर गांठ को बाहर निकाला जाए। अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन कराने पर गर्भाशय में बड़े साइज का ट्यूमर कंफर्म होने के बाद महिला की परेशानी देखते डॉ. मिता-डे ने शीघ्र सर्जरी करने का सलाह दी। परिजन तत्काल तैयार हो गए लेकिन महिला की फिजिकल स्थिति बेहोश करने के लिए चुनौती पूर्ण थी। इसके बाद एनेस्थेटिक डॉक्टर निशांत बघेल ने उसे स्वीकार करते हुए ऑपरेशन करने की अनुमति दे दी।
सफल ऑपरशेन के बाद खुश है महिला
इसके बाद दिन 2 अप्रैल को दोपहर में डॉ. मिता-डे , एनेस्थेटिक डॉ. निशांत ने मिलकर महिला की सफल सर्जरी कर गर्भाशय से 4.2 किग्रा (3.5 किग्रा के बच्चे जितना) वजन का ट्यूमर बाहर निकाल दिया। सर्जरी के पांचवे दिन 6 अप्रैल को पूरी तरह से स्वस्थ होने के कारण महिला को घर भेजने अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. टोपेंद्र शुक्ला के मुताबिक सर्जरी बहुत चुनौती पूर्ण थी , इस सर्जरी के बाद महिला की सभी परेशानियां दूर हो गई। इस सर्जरी के बाद महिला भी खुश है और उसका परिवार भी खुश है।