Bhatapara market – झाड़ू- बुहारी की कीमतों में तेजी

   सफाई हुई महंगी

राजकुमार मल

भाटापारा- सफाई अब महंगी पड़ने लगी है क्योंकि झाड़ू-बुहारी की सभी किस्में तेज हो गई हैं। सबसे ज्यादा तेजी फूल झाड़ू में आई है, जो अब 110 से 140 रुपए प्रति नग की दर पर पहुंच गई है।

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हैरान कर रही है झाड़ू-बुहारी की कीमत। इसमें और तेजी के आशंका इसलिए भी बनी हुई है क्योंकि काम आने वाली वनोपज की पहुंच दिनों-दिन कम होने लगी है। इसलिए होलसेल बाजार का पूरा ध्यान भंडारण की ओर है क्योंकि पूरे साल मांग में रहती है झाड़ू – बुहारी ।

सिमटते वृक्ष, तेजी की बड़ी वजह

ग्रामीण ही नहीं, शहरी क्षेत्र में खूब खरीदी जाती है छिंद की झाड़ू लेकिन छिंद के वृक्ष मैदानों से ही नहीं बल्कि वन क्षेत्र से भी खत्म हो रहे हैं जबकि छिंद की झाड़ू की डिमांड बराबर बढ़त ले रही है। इसलिए मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर देखा जा रहा है लिहाजा 15 से 20 रुपए प्रति नग पर मिलने वाली छिंद झाड़ू अब 25 से 35 रुपए प्रति नग पर पहुंच गई है।

गर्म फूल झाड़ू

सभी घरों और संस्थानों में नजर आती है फूल झाड़ू लेकिन वन क्षेत्र से इसकी भी उपलब्धता कमजोर होने लगी है। ऐसे में बीते बरस 80 से 90 रुपए प्रति नग पर मिल रही फूल झाड़ू, इस साल 110 से 140 रुपए प्रति नग पर पहुंच गई है। पूरे साल इसकी मांग को देखते हुए विक्रय क्षेत्र भंडारण जैसी व्यवस्था के लिए अग्रिम सौदे में लगा हुआ है क्योंकि तेजी का संकेत यह भी दे रही है।

गर्मी बांस की सामग्री में भी

खरहरा भी तेजी से अछूता नहीं है। दोगुनी के करीब पहुंच चुकी यह सामग्री 40 से 50 रुपए जैसी कीमत, मांग क्षेत्र को हैरान कर रही है। मिलता था बीते बरस तक टोकना 40 से 80 रुपए में एक नग।अब नई कीमत 80 से 140 रुपए बोली जा रही है। मांग कमजोर है सूपा में। फिर भी इसने 100 से 150 जैसी उच्च कीमत अपने नाम कर ली है। प्लास्टिक के बढ़ते चलन ने बांस से बने झऊंहा को जोर का झटका दिया है। इसके बावजूद यह 100 से 150 रुपए जैसी कीमत के साथ मजबूत है।

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