प्रेस की स्वतंत्रता या पर्स की स्वतंत्रता

प्रेस की स्वतंत्रता या पर्स की स्वतंत्रता

रायपुर। प्रेस की स्वतंत्रता या पर्स की स्वतंत्रता, इस विषय पर रायपुर के सिविल लाइंस स्थित वृंदावन हॉल में देश के ख्यातिनाम पत्रकार पी. सांईनाथ ने बहुत खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने कारपोरेट मीडिया के हथकंडों की जमकर बखिया उधेड़ी। पी सांईनाथ ने किसान आंदोलन के समय किस तरह सरकार और कारपोरेट मीडिया ने व्यवहार किया इसे बताया। उन्होंने वैकल्पिक मीडिया यानी इंडिपेंडेंट मीडिया की वकालत करते हुए इसकी हरसंभव मदद करने कहा। उन्होंने कहा कि यदि आपको कारपोरेट मीडिया या ऑनलाईन मीडिया से शिकायत है तो अपना विरोध दर्ज करायें तथा जो लोग इंडिपेंडेंट मीडिया चला रहे हैं जो कारपोरेट नहीं हैं उनकी खुलकर मदद करें।
वरिष्ठ पत्रकार मधु डी. जोशी ने भी अपने विचार रखे। डॉ. सुशील त्रिवेदी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पत्रकार, साहित्यकार, संस्कृति कर्मी उपस्थित रहे। निरंतर पहल पत्रिका के 5वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर यह आयोजन हुआ। पत्रिका के संपादक समीर दीवान ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में बीजापुर में मारे गये पत्रकार मुकेश चन्द्राकर को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

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