वरिष्ठ कथाकार आनंद हर्षुल का उपन्यास ‘देखना’ पढ़ा। यह उपन्यास रेलवे स्टेशन पर जीवन यापन करने वाले भिखारियों के जीवन पर आधारित है। कहानी का मुख्य पात्र एक अंधा व्यक्ति है। यहाँ अंधे...
-सुभाष मिश्रएक बार फिर भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ से विशेषकर बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे...
-सुभाष मिश्रसमान्यता हमारा मानना है और यह सच भी है कि पुरूष प्रधान समाज में स्त्रियों के साथ अन्याय अत्याचार हिंसा की घटनाएं ज्यादा होती है। किंतु अभी हाल की कुछ घटनाएं बताती ह...
-सुभाष मिश्रदशकों से माओवाद पीडि़त दक्षिणी छत्तीसगढ़ में शांति स्थापना के लिए युद्धविराम और शांतिवार्ता के लिए नक्सलियों का राज़ी होना इस बात की सूचना है कि राज्य के माओवाद-विर...
-सुभाष मिश्र
“ सामयिक संदर्भ “ पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी
मातादीन कहीं भी हो सकते हैं । यह एक सिस्टम है जिसमें निर्दोष लोगों को , खिलाफत करने वालों को सबक सीखने की गरज से पुलिसिया प...
-सुभाष मिश्रपूरी दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है, जहां आज से नहीं सैकड़ों सालों से देश के किसी भी हिस्से में कोई भी बाबा प्रकट होता हंै और खुद को अवतारी घोषित कर देता है और एक...
-सुभाष मिश्रपूरे देश में ख़ासकर मुस्लिम समुदाय में वक्फ़ संशोधन बिल को लेकर काफ़ी कुछ संशय बना हुआ है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एआईएमपीएलबी और बाक़...
-सुभाष मिश्रटेक्नोलॉजी से आसानी के साथ-साथ बहुत से ख़तरे भी हैं। यह दोधारी तलवार की तरह है। यह सही है कि तकनीक ने जीवन को आसान बना दिया है, खासकर एआई के साथ जो रचनात्मक कार्यों...
Universities of Chhattisgarh
पूरे भारत में कहीं भी उतनी बडी संख्या में नौकरशाह विश्व विद्यालयों में कुलपति के प्रभार में नती होगें जितने की छत्तीसगढ़ में है। चाहे वे विश्वविद्यालय...
-सुभाष मिश्रकिसी भी राज्य में प्रधानमंत्री की यात्रा के अपने-अपने मायने हैं और यदि यह यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर की यात्रा और उनका कार्यक्रम हो तो यह एक ...