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Mar				
Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – नागपुर दंगा: छावा और औरंगजेब या फिर कोई और…?
सुभाष मिश्रमनुष्य स्मृतिजीवी होता है। उसके अनुभव, अध्ययन और आसपास की उपलब्ध जानकारी, सूचनाएं जिसमें फिल्में सोशल मीडिया आदि शामिल है, उसे इतिहास का बोध कराती है। घृणा और वैमनस्...
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Feb				
Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – छावा फिल्म और इतिहास-सामाजिकता के सवाल
-सुभाष मिश्रछावा फिल्म ने इन दिनों कई तरह की बहस को जन्म दे दिया है। फिल्म में हिंसा की अति है। हिंसात्मक दृश्यों को फिल्म की भाषा में बहुत ही उत्तेजक और क्रूरता की उस भाषा में...
 
	
 
											 
											 
											 
											