Special comment- क्यों जारी करनी पड़ी मीडिया के लिए एडवायजरी

Special comment

-सुभाष मिश्र

सब चाहते हैं कि पाकिस्तान द्वारा की गई आतंकवादी गतिविधियों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। सब चाहते हैं कि यदि जंग करनी ही पड़ी तो ये जंग भारत जीते। कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी लोग एक हैं। राजनीतिक दल अपने आपसी मतभेद भूलकर इस समय देश के साथ खड़े हैं। ऐसे समय में गोदी मीडिया से जुड़े कुछ लोग अपने चैनल और सोशल मीडिया से बहुत सारी फर्जी खबरें जारी कर रहे हैं जो राष्ट्र के खिलाफ है। सरकार फेक न्यूज से परेशान है और रक्षा मंत्रालय द्वारा एडवायजरी जारी करके कहा जा रहा है कि जंग की लाईव रिपोर्टिंग मत कीजिए। वायु सेना ने भी ट्वीट करके कहा है कि आपके घर के ऊपर से यदि प्लेन जाता है तो उसका फोटो, वीडियो, सोशल मीडिया में पोस्ट मत कीजिए उससे दुश्मन को ही फायदा होगा।
ब्रेकिंग न्यूज, अपनी टीआरपी और कथित राष्ट्र भक्ति दिखाने के चक्कर में बहुत सारी मीडिया अपना एजेंडा चला रहे हैं। उनके द्वारा राजौरी में फिदायीन हमला और पाकिस्तान में घुसी भारतीय सेना, आईएनएस ने कराची पोर्ट को किया तबाह, बाड़मेर में मिसाइल अटैक जैसी झूठी खबरें चलाई। कलेक्टर बाड़मेर को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसका खंडन करना पड़ा।
युद्ध विमानों को वीडियो गेम और एआई के जरिए दिखाने की कोशिश करने वाले मीडिया को ये समझने की जरूरत है कि युद्ध वीडियो गेम नहीं है। अगर भारतीय सेना का फाइटर विमान जम्मू एयरपोर्ट से उड़ता है तो इसे कोई चैनल दिखाता है तो ये कैसी राष्ट्रभक्ति है और देश के प्रति कैसी ईमानदारी है। जब तक आर्मी के अधिकृत प्रवक्ता जानकारी को कन्फर्म न करें तब तक मीडिया उसे कैसे चला सकता है।
पिछले पाकिस्तानी हमले के बाद से विदेश सचिव विक्रांत मिसरी तथा विंग कमांडर व्योमिका सिंह, कर्नल सोफिया कुरैशी जिस नपे-तुले अंदाज में पूरी जानकारी दे रहे हैं, मीडिया के एंकर उसे चिल्ला-चिल्लाकर मानो जैसे वे खुद ही युद्ध में शामिल हों, बता रहे हैं। मीडिया का रवैया चिंताजनक है यही वजह है कि रक्षा मंत्रालय को एडवायजरी जारी करनी पड़ रही है। अपने आपको सजग प्रहरी और चौथा स्तंभ कहने वाले लोग भारत में कराची बेकरी चलाने वाले एक हिन्दू की दुकान पर हमले की खबर दिखाते हैं। गोदी मीडिया जिस तरह से फर्जी झूठी खबर फैला रहा है इस पर सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। यह सही है कि हम युद्ध नहीं करना चाहते हैं हमने एहतियात बरतते उन्ही आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया जिन्होंने हमारे देश में नरसंहार किया।
पूरा देश इस समय सेना के साथ खड़ा है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सड़क मार्ग से जम्मू में हुए हमले को देखने जाते हैं। असदुद्दीन ओवैसी कश्मीर में जाकर भारत जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, सर्वदलीय बैठक से निकलकर खडग़े और राहुल गांधी सिर्फ दो लाईन की जानकारी देते हैं और बाकी जानकारी देशहित में जारी नहीं करते हैं। किन्तु मीडिया से जुड़े कुछ लोग वे सभी जानकारी साझा कर रहे हैं जो न तो सच है और न ही अधिकृत है। अभी अधिकृत तौर से भारत पाक युद्ध घोषित ही नहीं हुआ है और मीडिया इसे पूरी तरह युद्ध बताकर पाकिस्तान की झूठी ताबाही दिखा रहा है। जबकि हमारे अपने देश की नीति यह है कि वहां के नागरिकों पर हमला नहीं करना चाहते। इसके ठीक उलट पाकिस्तान ने नागरिक विमानों को ढाल बनाकर हमारे देश में 15 स्थानों पर हमले किए। 8-9 मई की रात्रि पाकिस्तान ने लगातार देश की सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचे की नीयत से देश की सीमा और नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया और एलओसी पर गोलीबारी की। जो लोग युद्ध को वीडियो गेम समझ रहे हैं, उन्हें शायद ये नहीं पता युद्ध में निर्दोष लोगों की जानें जाती हैं। सीमा से सटे गांव के गांव खाली हो रहे हैं। लोगों को बंकरों में शरण लेनी पड़ी रही है। दो नाबालिग बच्चों की जानें गई हैं। कुछ लोग घायल हंै। इसके बावजूद भारत बहुत ही संयम से काम कर रहा है। मीडिया झूठी और अमर्यादित खबरें फैला रहा है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एडवायजरी के जरिए मीडिया को हिदायत दी गई है कि रक्षा अभियानों, सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज न करें। रक्षा मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों को सख्त एडवाइजऱी जारी की है, जिसमें उनसे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज या रियल टाइम रिपोर्टिंग से परहेज करने का आग्रह किया गया है।
एडवाइजऱी में कहा गया है कि ऐसी संवेदनशील या स्रोत आधारित जानकारी का खुलासा अभियान को प्रभावित करता है और जान को खतरे में डाल सकता है।
मंत्रालय ने कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार अपहरण जैसी पिछली घटनाओं को समय से पहले या अनियंत्रित रिपोर्टिंग से उत्पन्न खतरों को उदाहरण के रूप में उल्लेख किया है।
इसमें कहा गया है कि ‘केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(पी) के अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान केवल नामित अधिकारियों द्वारा आवधिक ब्रीफिंग की अनुमति है। सभी हितधारकों से आग्रह किया जाता है कि वे राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतें। मंत्रालय ने मीडिया संगठनों और व्यक्तियों से पूर्ण सहयोग करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि आधिकारिक रूप से जारी होने तक ऑपरेशन विवरण गोपनीय रखें।
मालूम हो कि ‘ऑपरेशन सिंदूरÓ के तहत भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी शिविरों पर किए गए हमलों के बाद बुधवार (8 मई) को जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में 13 नागरिकों की जान चली गई और 59 लोग घायल हुए थे।
गुरुवार (9 मई) को पाकिस्तान ने उधमपुर, जम्मू और पठानकोट में भारतीय सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाया। भारत के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया और किसी भी तरह के जान-माल का नुक़सान नहीं हुआ है।