गरियाबंद | गरियाबंद नगर पालिका के नए अध्यक्ष रिखी यादव ने पदभार ग्रहण करने से पहले जो किया, उसने राजनीति में एक अलग ही संदेश दे दिया। आमतौर पर नेता जीत के बाद समर्थकों को धन्यवाद देकर पदभार संभालते हैं, लेकिन रिखी यादव ने उन लोगों को नहीं भुलाया जो उनके संघर्ष के साक्षी रहे। उन्होंने नगर पालिका की कुर्सी पर बैठने से पहले न केवल अपने परिवार के साथ बल्कि एक बुजुर्ग सब्जी विक्रेता गनेशिया बाई निर्मलकर को भी साथ लेकर प्रवेश किया।
संघर्ष की साथी को नहीं भूले, नगर पालिका लेकर पहुंचे
सुबह 6 बजे ग्राम देवी शीतला माता के दर्शन कर रिखी यादव नगर पालिका पहुंचे, लेकिन अकेले नहीं। चुनाव प्रचार के दौरान हर दिन उनका हालचाल पूछने वाली, जीत की दुआएं मांगने वाली गनेशिया बाई को भी वे साथ लेकर आए। नगर पालिका के दरवाजे पर माथा टेकते हुए, उन्होंने इस बुजुर्ग महिला को सम्मान के साथ अंदर लेकर गए और पूरे पूजा पाठ के दौरान उन्हें साथ बैठाया ।
भगवा में रंगा नगर पालिका, वास्तु के अनुसार बदली कुर्सी
नगर पालिका परिसर आज पूरी तरह भगवा रंग में नजर आया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राधा-कृष्ण की पूजा की गई। नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी भी वास्तु के अनुसार पश्चिम से पूर्व दिशा में कर दी गई। पूरे कक्ष को गंगाजल और गौमूत्र से शुद्ध किया गया, जिससे स्पष्ट संकेत मिला कि नए अध्यक्ष अपने कार्यकाल को धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप अब आगे बढ़ाएंगे हैं। इसके अलावा अपने टेबल पर धार्मिक ग्रंथो और महान लोगों की जीवनी भी राखी और इसी का परिपालन कर आगे कार्य करने की बात कही ।
लीक से हटकर, सबको साथ लेकर चलेंगे रिखी यादव
पहले ही दिन रिखी यादव ने यह संकेत दे दिया कि वे परंपरागत राजनीति से अलग हटकर जनता से जुड़े फैसले लेंगे। उनका यह कदम सिर्फ एक भावनात्मक पल नहीं था, बल्कि यह दिखाता है कि वे उन लोगों को याद रखते हैं जिन्होंने संघर्ष में साथ दिया।
इस मौके पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीधर सिन्हा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मिलेश्वरी साहू सहित कई संघ व भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे। लेकिन असली कहानी गनेशिया बाई की थी, जो साधारण जीवन जीने वाली एक आम महिला हैं, लेकिन आज वे नगर पालिका के अध्यक्ष के साथ पूरे समय मौजूद रही जो राजनीति का नया चेहरा था।