कलेक्टर विलास भोसकर ने ली प्रेसवार्ता
हिंगोरा सिंह
अंबिकापुर
कलेक्टर विलास भोसकर ने रविवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में प्रेस वार्ता लेकर “सुशासन तिहार-2025 ” के तीसरे चरण की शुरुआत की जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।
कलेक्टर श्री भोसकर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा राज्य में सुशासन की स्थापना को लेकर लगातार प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है। आमजनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान, शासकीय योजनाओं की समीक्षा और निगरानी, विकास कार्यों में तेजी लाना, और जनता, जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से प्रदेशभर में “सुशासन तिहार” का आयोजन किया जा रहा है। शासन-प्रशासन के हर स्तर पर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि शासकीय कार्यों में पारदर्शिता आए, योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन हो, इनका लाभ उन जरूरतमंद वर्गों तक समयबद्ध ढंग से हो, जिनके लिए योजनाएं बनाई गई।
इस दौरान जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने मीडिया के प्रतिनिधियों को सुशासन तिहार के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में सुशासन तिहार का पहला चरण 08 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आयोजित किया गया था। जिसमें आम जनता से उनकी समस्याओं और मांगों से संबंधित आवेदन प्राप्त किए गए हैं। ये आवेदन समाधान पेटी, शिविर और ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से लिए गए।
आवेदन प्राप्त करने के लिए समाधान पेटी की व्यवस्था ग्राम पंचायतों के साथ-साथ जिला और विकासखंड मुख्यालय स्तर पर भी की गई थी। जिले के 39 हाट बाजारों में भी आवेदनों का संग्रह किया गया । सरगुजा जिले में 3 मई की स्थिति में कुल 163803 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें कुल मांग 161016 एवं कुल शिकायत २७८७ के आवेदन प्राप्त हुए हैं। अभी तक 136847 मांग एवं 1511 शिकायत निराकृत हुये हैं, इस प्रकार कुल 138358 आवेदन निराकृत हुए हैं।
वहीं दूसरे चरण 12 अप्रैल से आज दिनांक 4 मई तक में इन प्राप्त आवेदनों को स्कैन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड कर सम्बन्धित विभाग, जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजकर उनके गुणत्तापूर्ण निराकरण की कार्यवाही की गई। मांग से संबंधित आवेदनों को बजट की उपलब्धता के आधार पर निराकृत किया गया है। आवेदनों के निराकरण की गुणवत्ता की समीक्षा जिला और राज्य स्तर पर भी की जा रही है।
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उन्होंने बताया कि तीसरे एवं अंतिम चरण की शुरुआत 05 मई से हो रही है, जो 31 मई तक चलेगा। इस दौरान जिले के 08 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच एक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। नगरीय निकायों में भी शिविर लगाए जाएंगे।जिले में कुल 57 रामाधान शिविर आयोजित किए जाएंगे। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 32, नगर निगम अम्बिकापुर में 23, तथा नगर पंचायत सीतापुर में 01 एवं नगर पंचायत लखनपुर में 01 शिविर आयोजित किये जाएंगे। इन शिविरों में आवेदकों को उनके आवेदनों पर की गई कार्यवाही की जानकारी दी जाएगी।शिविरों में नए आवेदन भी लिए जाएंगे और जिन मामलों का समाधान वहीं संभव होगा, उनका मौके पर ही निराकरण किया जाएगा। शिविरों में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। विभागीय अधिकारी समाधान शिविरों में विभागों द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगे, हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन पत्र – प्रपत्र भी उपलब्ध कराएंगे। समाधान शिविरों में विकासखंड एवं अनुभाग स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिलास्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी तरह की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी रहेगी। इस हेतु जिला स्तर पर 3 दल गठित किये गए हैं, जो शिविरों में गुणवत्तापूर्ण निराकरण एवं प्राप्त हुए आवेदनों के त्वरित निराकरण की जानकारी लेंगे।
3 मई की स्थिति में सुशासन तिहार के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा आम नागरिकों के मांग और शिकायतों का प्रभावी निराकरण हुआ है, इसमें प्राप्त आवेदनों का विभागवार जानकारी कुछ इस प्रकार है। सबसे अधिक आवेदन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को प्राप्त हुए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सर्वाधिक 99039 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 85730 का त्वरित निराकरण किया गया।
जिसमें स्वच्छता, प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा जैसे जनहितकारी योजनाएं शामिल है।राजस्व विभाग को 12955 आवेदन मिले, जिनमें से 8921 का निराकरण हुआ। वहीं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में अपेक्षाकृत कम 7697 आवेदन प्राप्त हुए लेकिन उसमें 7641 मामलों का निराकरण हुआ। शिक्षा विभाग ने 6863में से 6538 आवेदनों का निराकरण किया। खाद्य विभाग में 6591आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 5843 मामलों का निराकरण हुआ,वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग को ६,३४१ आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 5290 का समाधान किया गया। नगरीय क्षेत्र में ६३६९ में से ५,२३४ मामलों का निपटारा किया गया। पशु चिकित्सा विभाग में 2428 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 2415 मामलों का निराकरण हुआ, ऊर्जा विभाग को 5317 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 2200 प्रकरण का निराकरण हुआ। डेयरी विकास परियोजना में 1975आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 1935 समाधान किया गया। श्रम विभाग में 1627 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें १,४१२ आवेदन का निराकरण हुआ। कृषि विभाग में १,२२७ आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिसमें 982प्रकरण का समाधान हुआ। वन विभाग को २,१२५ आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 980 का निराकरण हुए। सिंचाई विभाग में ३८५ आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 371का निराकरण हुआ। मत्स्य पालन विभाग को 316 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें २४२ आवेदन का निराकरण हुआ। उद्यानिकी विभाग में २७४ आवेदन प्राप्त हुए, इसमें 223 मामलों का त्वरित निराकरण हुआ। आदिवासी विकास विभाग में 203 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें १९० मामलों का निराकरण हुआ। स्वास्थ्य विभाग को 388आवेदन प्राप्त हुए जिसमें १७८ प्रकरण का निराकरण हुआ। और लोक निर्माण विभाग को 292 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें १५३ मामलों का त्वरित निराकरण किया गया।