Constitution Day- संविधान दिवस का बताया महत्व

 तालुका विधिक सेवा समिति पत्थलगाँव ने किया विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

पत्थलगांव। संविधान दिवस पर तालुका विधिक सेवा समिति पत्थलगांव द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पत्थलगाँव में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में व्यवहार न्यायालय पत्थलगाँव, जिला (छ ग)जशपुर से तालुका विधिक सेवा समिति पत्थलगाँव के अध्यक्ष तथा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार तिवारी एवं व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी उमेश कुमार भागवतकर के द्वारा उपस्थित होकर कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थीगण को संविधान दिवस के महत्व के संबंध में संविधान के महत्वपूर्ण पहलुओं के संबंध में तथा अपने व्यक्तिगत जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए विद्यार्थीगण को अनुशासन का महत्व भी बताया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण ने बताया कि संविधान दिवस हमारे भारत देश के ऐतिहासिक दिवस का महत्व हमें बताता है। प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए 26 नवंबर संविधान दिवस अत्यंत गर्व का दिन है।संविधान ही हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक होने की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी द्वाल बनकर हमें हमारा अधिकार दिलाते हैं। वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। 26 नवंबर का दिन देश में राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। संविधान तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह एवं 18 दिवस का समय लगा था। संविधान 26 नवंबर, 1949 को पूरा होने पर इसे अपनाया गया था तथा 26 जनवरी, 1950 को संविधान को पूर्ण रूप से लागू किया गया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए संविधान दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
संविधान दिवस पर हमें जीवन भर अपने मौलिक कर्तव्यों और देश के कानून का पालन करते का प्रण लेना चाहिए। देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने से न सिर्फ संविधान का उद्देश्य पूरा होगा बल्कि संविधान निर्माताओं के सपनों के राष्ट्र का निर्माण होगा। उक्त कार्यक्रम में सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पत्थलगाँव के पदाधिकारीगण, प्राचार्य, शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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