डेस्क/सोशल मीडिया और इसके बढ़ते उपयोग कही फायदेमंद तो कही बुरा फ़साने का काम भी कर देता हैँ. क्योंकि आज लोग इसके उपयोग ज्यादातर करने लगे हैँ और इतना हीं नहीं इसमें दिखाए जाने वाले हेल्थ टिप्स को भी अपनाने लगे हैँ कई ऐसे हेल्थ टिप्स देने वाले अपना प्रचार करते हैँ तो वहीँ पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू नें भी सोशल मीडिया मे दावा कर बुरे फंस गए… छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने 850 करोड़ रुपये का लीगल नोटिस भेजा है। सोसाइटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी नें यह नोटिस सिद्दू को भेजा हैँ…सोलंकी नें कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू द्वारा कैंसर के चाैथे स्टेज की बीमारी को चालीस दिनों में मात देने का दावा किया। सिद्धू ने दावा किया है कि बिना ऐलोपथी दवाओं के ही सिर्फ अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में परिवर्तन कर उनकी पत्नी ने कैंसर को मात दी है।सोसाइटी का कहना है कि कैंसर मरीजों काे भ्रमित किया जा रहा है। जिसे सुनकर देश-विदेश के कैंसर ग्रसित मरीजों में भ्रम और ऐलोपैथी मेडिसिन से उनका विश्वास उठ रहा है। डॉक्टर सोलंकी का कहना है कि उनके पास सारे दस्तावेज मौजूद हैं, लेकिन मरीज की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए इसे सामने नहीं ला सकते…
इन सभी मामलों पर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सोसाइटी ने लीगल नोटिस भेजकर सात दिनों के भीतर इलाज के डाक्यूमेंट पेश करने और माफी मांगने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो 100 मिलियन डालर यानी कि 850 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा किया जाएगा।
सोसाइटी ने की ये मांग:-
1. स्वास्थ्य को लेकर आपके पति के दावे क्या आप उनके बयान का पूर्ण समर्थन करते हैं?
2. एलोपैथी मेडिसिन का जो इलाज विभिन्न अस्पतालों में उन्होंने करवाया है उनके इलाज उपचार से आपको कोई भी लाभ नहीं हुआ है?
3. कैंसर फ्री होने में सिर्फ डाइट, नींबू पानी, तुलसी पत्ता, हल्दी, नीम पत्ता का ही सेवन का ही लाभ, किसी मेडिसिन का कोई उपयोग नहीं है?
यदि आप अपने पति के दावे का समर्थन करते हैं तो वे सभी प्रमाणित दस्तावेज हमें 7 दिनों के भीतर उपलब्ध कराएं। जिनसे यह साबित हो कि आपने महज 40 दिनों में बिना मेडिसिन लिए, बिना चिकित्सकीय सहायता के मात्र डाइट में बदलाव कर चौथे स्टेज के कैंसर को मात देकर कैंसर फ्री हो गई हैं।
स्पष्टीकरण की भी रखी मांग
छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने लिखा है कि, नवजोत कौर सिद्धू अपने पति के दावों के समर्थन में कोई प्रमाणित दस्तावेज या चिकित्सकीय प्रमाण नहीं रखते हैं को प्रेस वार्ता कर स्पष्टीकरण दें। क्योंकि, इससे बाकी कैंसर मरीजों को भ्रम हो रहा है और वे अपनी मेडिसिन, इलाज और चिकित्सकीय उपचार छोड़कर नवजोत सिंह सिद्धू के कथनों पर भरोसा कर अपने जीवन से खिलवाड़ क र रहे हैं।