बदलता बस्तर : कितना आंतरिक कितना बाहरी !

(नक्सली हिंसा की आँच जंगल से शहर की ओर )सुभाष मिश्रपिछले कुछ समय...

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गुड़ खायें, गुलगुले से परहेज करें

गुड़ खाए और गुलगुले से परहेज़ करें—भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का ताज़ा खेल यही कहावत दोहराता दिख रहा है। नेताओं की जुबान पर जंग, खिलाडिय़ों की हरकतों में...

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हंसा कर ले किलोल, जाने कभेरे मर जाने

दिनेश चौधरीथियेटर करने वाले लोग थोड़े जुनूनी किस्म के होते हैं, पर अरुण पाण्डेय कुछ ज्यादा ही थे। इसे साधने के फेर में खुद को निचोड़ डाला। सिर्फ नाटक ही करना ...

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छत्तीसगढ़ में कृषि में नवीन तकनीकों का समावेश

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है क्योंकि यहां की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है और लगभग 70 प्रतिशत से अधिक क्ष...

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नवरात्रि गरबा में चढ़ा हिंदू-मुस्लिम रंग

-सुभाष मिश्रनवरात्रि के आगमन पर गरबा की थापें फिर चौक-चौराहों में गूंजने लगती है। यह पर्व न केवल मां दुर्गा की ...

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स्थापित लेखकों को नये प्रकाशकों की तलाश

सुभाष मिश्र

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हिन्दी के लेखकों को प्रकाशकों से हिसाब मांगना चाहिए

सुभाष मिश्र( विनोद कुमार शुक्ल और 30 लाख की रायल्टी प्रसंग)

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व्यक्ति मरता है, विचार नहीं

इतिहास साक्षी है कि प्रतिरोध की आवाज उठाने वाले, नई सोच और सिद्धांत प्रतिपादित करने वालों को तत्कालीन सत्ता या प्रभावशाली वर्ग अक्सर असहमति के कारण डराने-धमका...

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विनोद जी के कांधे पर दो दिवसीय साहित्य चौपाटी

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कोई हाथ भी ना मिलायेगा , जो गले मिलोगे तपाक से

दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट महज खेल नहीं, बल्कि कूटनीति का मंच है। कभी यह रिश्तों को सुधारने की कोशिश का जरिया रहा है, तो कभी आक्रोश और अविश्वास ज...

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