अटल बिहारी वाजपेयीसबसे पहले मैं ‘तरुण भारत’ के संस्थापकों, संचालकों, संपादक मंडल और कर्मचारियों को बधाई देना चाहता हूँ। जिनके परिश्रम और-प्रयत्नों से आज ‘तरुण...
फिल्म की शुरुआत में एक वकील नहीं, एक कवि बैठा दिखता है। उसकी मेज़ पर गजानन माधव मुक्तिबोध की तस्वीर रखी है—वही मुक्तिबोध जो कहा करते थे, कहीं कोई तो होगा, जो ...
गुड़ खाए और गुलगुले से परहेज़ करें—भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का ताज़ा खेल यही कहावत दोहराता दिख रहा है। नेताओं की जुबान पर जंग, खिलाडिय़ों की हरकतों में...
दिनेश चौधरीथियेटर करने वाले लोग थोड़े जुनूनी किस्म के होते हैं, पर अरुण पाण्डेय कुछ ज्यादा ही थे। इसे साधने के फेर में खुद को निचोड़ डाला। सिर्फ नाटक ही करना ...