-सुभाष मिश्रजब राष्ट्रीय गीत बहस का केंद्र बन जाए, तो समझना चाहिए कि राजनीति इतिहास से भी लुभावनी कथा गढ़ लेती है। लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे हो...
-डॉ. सुधीर सक्सेनानई दिल्ली। सदियों पहले भारत आ बसे यहूदियों की संख्या इजराइल के निर्माण के बाद दहाई-दर-दहाई कम से कमतर होती गयी है। इस श्रृंखला की ताज़ा कड़ी...
-सुभाष मिश्रसाहित्य किसी मंच की सजावट नहीं, समाज की अंत:शक्ति का उद्गम है। वही वह बीज है जिससे मनुष्य अपने भीतर न्याय, करुणा, असहमति और उम्मीद का अंकुर उगाता ...