Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से- जब पड़ोसी बने परेशानी

-सुभाष मिश्रआदमी जब भी सोचता है तो सबसे पहले अपने पड़ोस के बारे में सोचता है, क्योंकि जब तक पड़ोस अच्छा न हो, च...

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एप्स्टीन फाइल्स से टेलीग्राम चैनलों तक प्लेजर, सत्ता और निजता का टूटता घेरा

-सुभाष मिश्रअमेरिका में एप्स्टीन फाइल्स को सार्वजनिक किए जाने का फैसला केवल एक कानूनी घटना नहीं है, यह उस दुनिय...

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‘होमबाउंड’ के बहाने भारतीय सिनेमा की पड़ताल

-सुभाष मिश्रभारतीय सिनेमा आज दुनिया का सबसे बड़ा सिनेमा उद्योग है। संख्या के लिहाज़ से हम हॉलीवुड से कहीं आगे ह...

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बीजेपी की राजनीति: ‘सरप्राइज़ फ़ैक्टर’, नितिन नवीन और जेनरेशन शिफ्ट की रणनीति

Politics of BJP: ‘सरप्राइज़ फ़ैक्टर’, नितिन नवीन और जेनरेशन शिफ्ट की रणनीति

भाजपा की कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नितिन नवीन की नियुक्ति ने सभी को चौंकाया है। अब सवाल यह है कि नितिन नवीन को जो की 45 साल के हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्...

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बिहार भाजपा को मिला नया नेतृत्व, संजय सरावगी बने प्रदेश अध्यक्ष…

बिहार। भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष के पद पर संजय सरावगी की नियुक्ति की है। केंद्रीय नेतृत्व ...

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सरकारें तीन, साल दो: मोदी की गारंटी और भाजपा शासित राज्यों का द्विवार्षिक मूल्यांकन

-सुभाष मिश्रदिसंबर 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा ने सत्ता में वापसी या नए सिरे से प्रवे...

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Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से- बंगाल की जमीन फिर तप रही है — आस्था, राजनीति और ध्रुवीकरण की बढ़ती आँच

-सुभाष मिश्रपश्चिम बंगाल अगले वर्ष विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है और इसी के साथ राज्य की राजनीतिक धरती एक बार ...

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नवोदय विद्यालय में सिल्वर जुबली फंक्शन.. भूतपूर्व छात्र हुए शामिल… साथियों से अपने अनुभव और संघर्ष किया साझा

:रमेश गुप्ता:नवोदय विद्यालय गाजीपुर में तृतीय बैच (1993-2000) तथा पंचम बैच (1995-2000) के छा...

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नवोदय विद्यालय में सिल्वर जुबली फंक्शन.. भूतपूर्व छात्र हुए शामिल… साथियों से अपने अनुभव और संघर्ष किया साझा

:रमेश गौतम:नवोदय विद्यालय गाजीपुर में तृतीय बैच (1993-2000) तथा पंचम बैच (1995-2000) के छात्...

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वंदे मातरम के 150 वर्ष और राजनीतिक तापमान

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से –वंदे मातरम के 150 वर्ष और राजनीतिक तापमान

-सुभाष मिश्रजब राष्ट्रीय गीत बहस का केंद्र बन जाए, तो समझना चाहिए कि राजनीति इतिहास से भी लुभावनी कथा गढ़ लेती है। लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे हो...

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