-सुभाष मिश्र
संभव है की 25 साल पुरानी विधानसभा अब आने वाले समय में नवा रायपुर स्थित नये भवन से संचालित हो। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घोषणा की कि अगला सत्र नवा रायपुर में बने नए विधानसभा भवन में होगा। राज्य बनने के बाद तत्कालिक व्यवस्था के रूप में वाटर रिसोर्स रिसर्च सेंटर को 25 साल तक विधानसभा भवन में तब्दील करके बहुत सारे निर्माण किये गये। तब नये परिसीमन के बाद बढऩे वाले सदस्यों की संस्था और तकनीकी रूप से आधुनिकीकरण करके नया रायपुर में विधानसभा संचालित की जायेगी।
एक माह से अधिक अवधि की छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र धान खऱीदी के मुद्दे पर गरमागरम बहस के साथ समाप्त हो गया। इसी के साथ ये बात भी साफ़ हो गई की छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब भी सबसे प्रभावी मुद्दा धान खऱीदी ही है। धान, शराब और भ्रष्टाचार की अनुगूँज हर बार की तरह इस बार भी सुनाई दी। विधानसभा सत्र तो समाप्त हो गया पर एक बार फिर विधानसभा के सभी सदस्य 24 मार्च को जुटेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 24 मार्च को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रही हैं। वे इस दौरान विधानसभा का दौरा कर ,विधानसभा में विधायकों को संबोधित भी करेंगी।
नये विधानसभा सभा में जाने से पूर्व विधायकों की चिंता नवा रायपुर में अपने आवास को लेकर भी दिखाई दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जिनके पास बहुत सें विभागों की जवाबदारी है, उन्होंने अपने भाषण में विपक्ष पर हमले के साथ अपने विभागों से जुड़ी जानकारी दी। शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेस विधायकों ने धान खरीदी में गड़बड़ी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने आरोप लगाया कि, उत्पादन से अधिक धान खरीदी दिखाकर भ्रष्टाचार किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिससे विपक्ष भड़क गया और बहिर्गमन करके बाहर चला गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 2025 (24 फरवरी से 21 मार्च तक) कई मायनों में खास रहा, जो राज्य की वित्तीय, सामाजिक और प्रशासनिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। यह छठी विधानसभा का पांचवा सत्र था, जिसमें कुल 17 बैठकें हुईं। इस सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेन डेका के अभिभाषण से हुई और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 3 मार्च 2025 को 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस बजट सत्र में जो खास बातें हुई उनमे वित्त मंत्री ओ पी चौधरी का हस्तलिखित बजट की प्रस्तुति रही। उन्होंने पहली बार छत्तीसगढ़ में 100 पृष्ठों का बजट हाथ से लिखकर पेश किया। इसे परंपरा और मौलिकता की ओर वापसी का कदम बताया गया, जो राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देता है। इस अनूठी पहल को सदन में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
बजट सत्र में अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हमने हर विभागों में गुड गवर्नेंस स्थापित किया है। 2047 तक छत्तीसगढ़ विकसित राज्य बनेगा। हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को संवारने में पूरी ऊर्जा से काम कर रही हैं। हमने छत्तीसगढ़ के प्रगति का बजट लाया है। हमारा पहला बजट ज्ञान पर आधारित था और इस बार का बजट ज्ञान को गति देने वाला है। छत्तीसगढ़ निर्माण की रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। जीरो टॉलरेंस के लक्ष्य को प्राप्त करने दृढ़ संकल्पित है। आज एक आदिवासी बेटे को राज्य ने मुख्यमंत्री के रूप में पाया है तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सहन नहीं होता। आजादी के बाद 56 सालों के इतिहास में कांग्रेस ने किसी आदिवासी को देश में सर्वोच्च पद पर नहीं बिठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौका मिलता है तो पहले दलित को और बाद में आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाते हैं। पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी अधिक यानी 1.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। इसमें कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और उद्योग पर विशेष जोर दिया गया। सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी किया गया। पेट्रोल की कीमत में 1 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई। 3,200 अतिरिक्त बस्तर फाइटर्स के पद स्वीकृत किए गए। सुगम यातायात योजना (25 करोड़), चरण पादुका योजना (50 करोड़), और नियद नेल्लानार योजना (25 करोड़) जैसी नई पहल शुरू की गईं। कृषि और ग्रामीण विकास के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये। धान के कटोरे को मजबूत करने के लिए खाद्य सुरक्षा के लिए 5,326 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। पंचायत से ब्लॉक मुख्यालयों को जोडऩे और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। हाफ बिजली बिल के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य का भी इस बजट पर खास ध्यान दिया गया। रायपुर में आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों की उपलब्धि का उल्लेख के साथ ही नई नर्सिंग (12) और फिजियोथेरेपी कॉलेज (6) की स्थापना की स्वीकृति दी गई। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए 110 करोड़ और बलरामपुर में प्रयास स्कूल के लिए 20 करोड़ का प्रवाधान किया गया है। मेकाहारा में आईवीएफ सुविधा शुरू करने का प्रावधान है।
सुशासन की बात करने वाली साय सरकार ने एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के लिए 3 करोड़ और 5 नए साइबर थाने खोलने का फैसला लिया गया।
पत्रकारों की सम्मान राशि 10,000 से बढ़ाकर 20,000 रुपये की गई। इस बजट सत्र में विपक्ष (कांग्रेस) ने धान खरीदी में अनियमितताओं और ट्राइबल छात्रावासों में मौतों जैसे मुद्दों पर हंगामा किया और वॉकआउट भी हुआ। भूपेश बघेल ने राज्यपाल के अभिभाषण को कॉपी-पेस्ट बताया और रेल सुविधाओं की कमी की बात उठाई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 2025 अपनी अनूठी प्रस्तुति, विकासोन्मुख नीतियों और राजनीतिक गहमागहमी के लिए याद किया जाएगा। यह सत्र राज्य की 25वीं वर्षगांठ के साथ एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकता है, बशर्ते सरकार विपक्ष की चिंताओं को भी गंभीरता से ले।