-सुभाष मिश्रदेश के आंतरिक और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली करने के उद्देश्य से इस समय एक साथ बड़ी कार्रवाई चल रही है। एक ओर कश्मीर के पहलगाम मे...
-सुभाष मिश्रहमारे पारंपरिक उत्सवों का स्वरूप बदलता जा रहा है। मोहल्ले, चौक-चौराहे में होने वाले गणेश, दुर्गा पंडालों में अब बाज़ार द्वारा तय आयोजन ज़्यादा हो रहे हैं। पहले समाज...
-सुभाष मिश्रदुष्यंत कुमार का शेर है कि-
रोने गिड़गिड़ाने का यहां कोई असर होता नहीं।
पेट भर के गालियां दें, जी भर के बद्दुआ।।
हम बात कर रहे हैं आवाज की और आवाज का मतलब शोर है...
Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से - खेल में हम क्यों हैं दुनिया में फेल-सुभाष मिश्र आज यह सवाल हमारे जेहन में आता है कि आखिर खेल में हम क्यों हैं दुनिया में फेल? विभिन्...