जैजैपुर। नवीन जिला सक्ती के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय जैजैपुर में शनिवार को “राष्ट्रीय संगोष्ठी ” का आयोजन वनस्पति शास्त्र विभाग तथा आई क्यू ए सी एवं उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया। जिसका विषय छत्तीसगढ़ में जैव विविधताः भूत, वर्तमान एवं भविष्य था कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. के.एन. एस. बनाफर, मुख्य वक्ता डॉ. वीणा पाणी दुबे एवं प्राचार्य श्री यू.एस. बंजारे द्वारा किया गया। वनस्पति शास्त्र विभागाध्यक्ष एवं संयोजक श्री अर्जुन सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए शोध संगोष्ठी विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला |
डॉ. के.एन. एस. बनाफर ने जैव विविधता में पाये जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया एवं जैव विविधत्ता को संरक्षित करने का उपाय तथा उसके लाभ के बारे में सारगर्भित जानकारी प्रदान किया। प्रोफेसर वीणा पाणी दुबे द्वारा जैव विविधता के विभिन्न आयामों के बारे में एवं उनके संरक्षण तथा आंकड़ों के अनुरूप जानकारी प्रदान किया। जैव विविधत्ता के वर्तमान परिदृश्य में होने वाले परिवर्तन को विस्तार से चर्चा करते हुए जैव विविधता के संदर्भ में विभिन्न प्रजातियों के आवासीय क्षति तथा पर्यावरण एवं मानवजाति पर प्रभाव को बताया। ऑनलाइन वक्ता के रूप में डॉक्टर प्रकाश चन्द्र पटेल सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्षसस्क वनस्पति शास्त्र शासकीय एस के महाविद्यालय मऊगंज, रीवा मध्यप्रदेश से जुड़े थे उन्होंने जैविविधता के संरक्षण एवं संवर्धन तथा महत्व को बताया | द्वितीय वक्ता के रूप में श्री बिपुल भुज मांझी सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय कलिंगा जी. उदयगिरी, कंधामल ओड़िसा से जुड़े थे उनके द्वारा छत्तीसगढ़ में जैवविविधता सुरक्षा एवं सतत विकास विषय पर विस्तार से जानकारी दी.
यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में भी आयोजित था, जिसमें देश के विभिन्न भागों से लगभग 70 से 80 विद्वान जुड़े थे। प्राचार्य श्री यू.एस. बंजारे जी ने जैव विविधता के संदर्भ में मानव जाति की भूमिका एवं ब्रम्हाण्ड में मानव जाति का अस्तित्व तथा पर्यावरण कारकों पर मानवीय दखल के बारे में विशेष जानकारी प्रदान किया एवं श्री एन.पी. कुर्रे, सहायक प्राध्यापक द्वारा आधुनिक विज्ञान का प्रयोग कर जैव विविधता के संरक्षण के लिए बच्चों को प्रेरित किया गया कार्यक्रम का संचालक श्री प्रशांत बनाफर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक, श्री संजय कुमार सतनामी, श्रीमती प्रमिती सिंह एवं डॉ सचिन कुमार, सुश्री चंद्रप्रभा वारे एवं समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ तथा छात्र छात्रा उपस्थित थे |