Government servants- शासकीय सेवक ही शासकीय कार्यालय भूमि पर कर रहे कब्जा

अतिक्रमण का दोषी होने व जुर्माना होने के बाद पुनः कब्जा किया जा रहा

दिलीप गुप्ता 
सरायपाली

जिस शासकीय सेवक की सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की जिम्मेदारी होती है यदि वही सरकारी भूमि पर नियम विरुद्ध जमीन और अतिक्रमण करने लगे तो फिर नियम कानून की रक्षा कौन करेगा । एक बार स्थगन आदेश मिलने व जुर्माना भी लगने के बाद पुनः उसी जमीन को कब्जा किया जाना सीधे यह प्रशासन के लिए चुनौती है । शासकीय सेवक का यह कृत्य बेहद ही साहसपूर्ण है तथा उसे प्रशासन व नौकरी का कोई भय नही है ।
ज्ञातव्य हो कि जिस भूमि पर अतिक्रमण कर मकान बनाये जाने का प्रयास किया जा रहा है वह लोक निर्माण विभाग का पुराना कार्यालय है । वर्तमान स्थिति में पुराने हो चुके इस मकान के आसपास पिल्लर (कालम) खड़े किए जाने हेतु गड्ढे भी खोद दिया गया है ताकि शीघ्र निर्माण कर कब्जा किया जा सके। ऐसा लगता है जैसे इस हेतु सम्बंधित स्थान पर गिट्टी व बालू भी भारी मात्रा में डंप किया गया है । आम जनता को इसकी जानकारी न हो इसके लिए पर्दा लगाकर निर्माण कार्य किये जाने की कोशिश भी हो रही है ।
सरायपाली स्थित शासकीय भूमि पर बिना अनुमति के कब्जा करने के उद्देश्य से पक्का निर्माण कार्य करने वाले शासकीय सेवक भुजरंग साय (लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग रायगढ़) के विरुद्ध तहसीलदार सरायपाली ने स्थगन आदेश जारी करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसी वाद भूमि पर बेजा कब्जा करने पर भुजरंग साय पिता विद्यनाथ साय को जुर्माना एवं बेदखली का आदेश न्यायालय तहसीलदार सरायपाली द्वारा दिनांक 14.11.2017 पारित किया गया है। पूर्व में जिस शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए दोषी करार देते हुए अर्थदंड आरोपित किया गया हो और बेदखल किया गया हो दोबारा उस भूमि पर बेजा कब्जा करने वाले के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग नगरवासियों द्वारा की जाने लगी है।

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इस संबंध में सरायपाली निवासी सौरभ गोयल द्वारा तहसीलदार सरायपाली को दिनांक 4. 3.2025 को लिखित आवेदन देकर जानकारी दी गई कि वार्ड क्रमांक 10 पर पुरानी टेक्सी स्टेंड स्थित खसरा नंबर 777 पर बेजा कब्जा करने की नीयत से शासन से बिना अनुमति के अवैध निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिस पर न्यायालय सरायपाली संज्ञान लेते हुए दिनांक 5. 3.2025 को निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने का आदेश पारित किया गया तथा कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जबाव प्रस्तुत करने आदेशित किया गया है। जबाव समाधानकारक नहीं होने पर अनावेदक के विरुद्ध एक पक्षीय बेदखली की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले के संबंध में आवेदक का कहना है कि एक शासकीय सेवक के द्वारा नियमों की जानकारी होने के बावजूद बार-बार अनैतिक कार्य किया जा रहा है उस पर थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई के लिए आदेशित किया जाना चाहिए। यह ज्ञातव्य हो कि इसी वाद भूमि खसरा नंबर 777 रकबा 7.45 हेक्टेयर में 20 फीट बाउंड्री वॉल बनाकर अतिक्रमण करना प्रमाणित होने पर भू राजस्व संहिता की धारा 248 (1) के तहत अनावेदक भुजरंग साय को दोषी करार देते हुए दिनांक 14. 11. 2017 को 1000 रु. का अर्थ दंड आरोपित करते हुए अतिक्रमित रकबा से अनावेदक को बेदखल करने का आदेश पारित किया गया है। अब इस वाद भूमि पर पुनः अतिक्रमण करते हुए पक्का निर्माण कार्य करने के उद्देश्य से नींव खुदाई का कार्य कराया जा रहा है। उक्त भूमि को अनावेदक को निर्माण हेतु या उनके स्वरूप को मनमाफिक परिवर्तन के लिए प्रदान नहीं की गई है। न्यायालय के आदेश के बाद भी अतिक्रमण करें तो उस पर और कितनी बार बेदखली का आदेश पारित होता रहेगा। शासन को चाहिए कि शासकीय भूमि पर इस तरह न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए अतिक्रमण करने वाले शासकीय सेवक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किया जाए ताकि शासकीय भूमि को अतिक्रमण होने से बचाया जा सके।

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