Hadsa- खुशियों का माहौल मातम में बदला: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ली मासूम की जान

 

कोरिया-बैकुण्ठपुर।

गुरुवार 17 अप्रैल को बैकुण्ठपुर के प्रेमाबाग स्थित बाबू कॉलोनी में एक दिल दहला देने वाला हादसा घटित हुआ, जिसमें 8 वर्षीय इमांशी विश्वकर्मा की जान चली गई। यह घटना उस वक्त हुई जब बालिका अपने मामा के घर पर छुट्टियां बिता रही थी और खेलते समय एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो वाहन की चपेट में आ गई।

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हादसे का विवरण बताते हुए इमांशी के मामा सुनील विश्वकर्मा ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी खुशी का माहौल इतना जल्द मातम में बदल जाएगा। वह हमारे साथ गर्मियों की छुट्टियों का आनंद ले रही थी, लेकिन अब उसकी कमी हम सबको सदा सताएगी। घटना के दिन, इमांशी अपने पिता बहादुर विश्वकर्मा के साथ घर के बाउंड्री के भीतर खेल रही थी। इसी दौरान, आयुष पैकरा नाम के 20 वर्षीय नौसिखिया चालक ने तेजी से वाहन चलाते हुए बाउंड्री गेट में जोरदार टक्कर मारी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्कॉर्पियो के चालक के साथ एक अन्य युवक भी था, जो उसे ड्राइविंग की ट्रेनिंग दे रहा था। यह दुर्घटना इतनी भयानक थी कि बाउंड्री गेट और दीवार को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा।

मौके पर पहुंची सिटी कोतवाली पुलिस ने बताया कि इमांशी को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने चालक आयुष पैकरा को हिरासत में ले लिया है और बीएनएस की धारा 106 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह हादसा बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर सवाल खड़ा करता है। घनी बस्ती में तेज रफ्तार गाड़ियों का चलना बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। हमें इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। बैकुण्ठपुर का यह हादसा न केवल एक परिवार की खुशियों को छीन ले गया, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी चिंता का कारण बना। यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि हमें बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है कि ऐसे हादसे भविष्य में न हों। जिम्मेदार नागरिकता को अपनाने के साथ-साथ प्रशासन को भी तेज रफ्तार गाड़ियों पर नियंत्रण के लिए मानक निर्धारित करने होंगे, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

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