-सुभाष मिश्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पूरी हो गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा, ऊर्जा के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। पीएम मोदी से मिलने से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापारिक साझेदारों से आयात पर पारस्परिक टैरिफ लगाने वाले आदेश पर दस्तखत किए। दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि 2030 तक दोनों देशों के व्यापार को 500 अरब डॉलर तक लाया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि दोनों देश व्यापार को मिलकर बढ़ाएंगे। इसे मिशन 500 नाम दिया गया है। अमेरिका की ज्वाइंट प्रेस कान्फ्रेंस में पीएम मोदी को अडानी से जुड़े सवाल का जवाब भी देना पड़ा। वहीं ट्रम्प ने खालिस्तान आंदोलन चलाने वाले आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़े सवाल को टाल दिया। ट्रम्प ने कहा कि अब भारत अमेरिका से गैस और तेल खऱीदेगा। अब हम महंगा तेल गैस खऱीदेंगे जिससे इसकी क़ीमत बढ़ेगी और महंगाई बढ़ेगी। इसके पहले हम रूस से सस्ती दरों पर गैस और तेल खऱीद रहे थे और पश्चिमी देशों में रूस पर लगे प्रतिबंध का फ़ायदा उठाकर हम इसे वहाँ बेच भी रहे थे। हम यूरोपीय देशों में तेल और गैस के सबसे बड़े सप्लायर बन गये इसकी वजह थी हमने अमेरिका के प्रतिबंधों को नहीं माना। टेरिफ के मामले में भी हम अमेरिकन सामान को लेकर लचीला रूख अपनायेंगे और उसे कम करेंगे। ये ऐसे निर्णय हैं जिससे देशी देश में महंगाई और घरेलू उत्पाद में नुक़सान के रूप में देख रहे हैं। ट्रम्प एक बड़े बिजऩेसमैन हैं और हमसे उन्होंने लाभ का सौदा किया है। हम मुंबई हमले के आरोपी आतंकवादी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से खुश हैं। हमारे मीडिया को थोड़े दिन एक और नाम राष्ट्रवाद की बात करने मिल जायेगा। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की एक और खेप दो-तीन दिन में आने वाली है। क्या उन्हें सम्मानजनक तरीके से बिना हाथ-पांव में बेड़ी डाले लाया जायेगा, यह मोदीजी की यात्रा से स्पष्ट नहीं हुआ है। अलबत्ता प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि अवैध अप्रवासी जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। हमने हमेशा कहा है कि जो लोग भारत के नागरिक हैं और अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें वापस लाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी सामान्य परिवारों के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं। उनमें से ज्यादातर को गुमराह करके लाया जाता है। अमेरिका और भारत दोनों को मिलकर इस सिस्टम को जड़ से खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए।
भारत और अमेरिका 2030 तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा। ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी का ये पहला अमेरिका दौरा था। टैरिफ मामले पर मोदी की तारीफ करते हुए ट्रंप ने उन्हें एक टफ निगोशिएटर बताया और कहा कि पीएम मोदी उनके अच्छे दोस्त हैं और वे अच्छा काम कर रहे हैं। मोदी एक महान नेता हैं। भारत-अमेरिका हमेशा दोस्त बने रहेंगे।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए अपनी किताब अवर जर्नी टूगेदर में लिखा – प्रिय प्रधानमंत्री, आप महान हैं। भारत के हितों को ट्रंप ने जो बातें कही उनमें प्रमुख बातों में कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लडऩे की है। उन्होंने मुंबई हमले के आरोपी आतंकवादी तहव्वुर राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने की घोषणा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर पर कहा है कि वो भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम भारत को अमेरिकी सेना के सबसे दमदार फाइटर जेट एफ-35 को बेचने के लिए तैयार हैं। पीएम मोदी के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने यह बात कही है।
पीएम मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन जंग दुनिया का नजरिया है कि भारत न्यूट्रल है, लेकिन भारत न्यूट्रल नहीं है, भारत का अपना पक्ष है शांति। समस्याओं का समाधान जंग से नहीं निकलता। वह टेबल पर चर्चा करके ही निकलता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने शांति का जो इनीशिएटिव लिया है, मैं उसका पूरी तरह से समर्थन करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय अमेरिका की यात्रा के बाद अब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता लगातार उद्योगपति गौतम अडानी का मुद्दा उठाते रहे हैं। इसी बीच उन्होंने एक बार फिर उद्योगपति अडानी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, अमेरिका में भी मोदी ने अडानी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया।
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की। इन बैठकों में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई। भारत और अमेरिका ने रक्षा, ऊर्जा और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्रों में अपने सहयोग को व्यापक करने का निर्णय लिया। इसके अलावा दोनों देशों ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्सÓ पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी बैठक बेहतरीन रही और इससे भारत-अमेरिका की मित्रता को नई गति मिलेगी। दोनों नेताओं ने व्यापार घाटा कम करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और ऊर्जा आपूर्ति बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सहमति जताई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़पों को ‘काफी हिंसकÓ बताते हुए इस विवाद को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों को भी साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि दुनिया में शांति बनी रहे।
Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – मोदी की अमेरिका यात्रा के कई मायने

15
Feb