Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से – रजत से स्वर्ण की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

Editor-in-Chief सुभाष मिश्र की कलम से - रजत से स्वर्ण की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

-सुभाष मिश्र

भाजपा की छोटे राज्यों में तेजी से विकास की अवधारणा के चलते वर्ष 2000 में उत्तराखंड-झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ। इसके बाद तेलंगाना अस्तित्व में आया। छत्तीसगढ़ के साथ बने दोनों राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ ने पिछले 25 सालों में विकास की जो रफ्तार पकड़ी वह दूसरे राज्यों से कहीं ज्यादा थी। यही वजह है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में रजत से स्वर्ण की ओर का उल्लेख कर राज्य के विकास की प्रगति और भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित किया है। प्रधानमंत्री के इस कथन का अर्थ है कि छत्तीसगढ़, जो पहले विकास के मामले में एक मध्यम स्तर (रजत) पर था, अब तेजी से उन्नति कर रहा है और समृद्धि, समग्र विकास, और वैश्विक मानकों (स्वर्ण) की ओर बढ़ रहा है। यह न केवल छत्तीसगढ़ की प्रगति को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि राज्य विकसित भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
छत्तीसगढ़ ने हाल के वर्षों में औद्योगिक, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है। उदाहरण के लिए, 2023 में बस्तर के जगदलपुर में 27,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ, जिसमें एनएमडीसी स्टील प्लांट जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल थीं।

रजत से स्वर्ण का अर्थ है कि छत्तीसगढ़ अब केवल प्राकृतिक संसाधनों (जैसे कोयला, लौह अयस्क) पर निर्भर नहीं है, बल्कि औद्योगिक निवेश, स्टार्टअप्स और तकनीकी विकास के जरिए आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 2026 तक समूचे छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के खात्मे के लिए इस समय अंतिम लड़ाई जारी है। नक्सलियों के अभेध्यगढ़ तक सुरक्षा चौकियां स्थापित कर विकास को दर्शाने वाले बुनियादी ढांचे को खड़ा किया जा रहा है।
माओवाद प्रभावित क्षेत्रों जैसे दंतेवाड़ा में शिक्षा और विकास के क्षेत्र में प्रगति हुई है। 2025 में अपने मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने दंतेवाड़ा के 10वीं और 12वीं के उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों (95 फीसदी पास दर के साथ 10वीं में शीर्ष स्थान) की सराहना की, जो दर्शाता है कि शिक्षा और सामाजिक विकास में छत्तीसगढ़ स्वर्ण युग की ओर बढ़ रहा है।

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 5 रेलवे स्टेशनों (रायपुर, उरकुरा, अंबिकापुर, डोंगरगढ़, भिलाई) का आधुनिकीकरण किया गया, जिनका उद्घाटन 22 मई, 2025 को पीएम मोदी ने किया। इन स्टेशनों में आधुनिक सुविधाएं जैसे लिफ्ट, एस्कलेटर, डिजिटल डिस्प्ले और ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा शामिल है। यह बुनियादी ढांचे के उन्नयन को स्वर्ण युग की ओर बढऩे का प्रतीक माना जा सकता है।
पीएम मोदी ने 24 फरवरी, 2024 को विकसित भारत विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में 34,400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिसमें सड़क, रेल, कोयला, बिजली, और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल थे। उनका यह कथन छत्तीसगढ़ को भारत के विकास के केंद्र में रखता है जो अगले 5 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में योगदान देगा।
नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव और आत्मनिर्भर बस्तर की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। यह रजत से स्वर्ण का प्रतीक है, जहां पिछड़े क्षेत्र अब विकास और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।

विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ का दृष्टिकोण भारत के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। जिसका आशय आर्थिक आत्मनिर्भरता से है। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है और अब यह स्टील, बिजली और कोयला जैसे क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित कर रहा है। एनएमडीसी स्टील प्लांट जैसे प्रोजेक्ट्स रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। विकसित भारत में छत्तीसगढ़ का योगदान औद्योगिक विकास और स्टार्टअप इकोसिस्टम के माध्यम से होगा।

दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति विकसित छत्तीसगढ़ का आधार है। यह न केवल स्थानीय युवाओं को सशक्त बना रहा है, बल्कि माओवाद जैसे सामाजिक मुद्दों को भी कम कर रहा है। रेलवे स्टेशनों, सड़कों और सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विकास कनेक्टिविटी और सतत विकास को बढ़ावा दे रहा है। यह विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जहां हर क्षेत्र को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है।
विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ एक समग्र और समावेशी विकास मॉडल के रूप में दिखता है। जहां छत्तीसगढ़ न केवल आर्थिक और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है बल्कि सामाजिक समावेशन, शिक्षा, और स्थिरता के माध्यम से भारत के विकास में योगदान दे रहा है। यह दृष्टिकोण केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग, स्थानीय संसाधनों के उपयोग और तकनीकी नवाचारों पर आधारित है। रजत से स्वर्ण का कथन छत्तीसगढ़ की इस यात्रा को प्रेरणादायक बनाता है जो यह दर्शाता है कि एक प्राकृतिक संसाधन-समृद्ध लेकिन चुनौतीपूर्ण राज्य अब विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार के दूसरे बजट में गति के माध्यम से छत्तीसगढ़ की प्रगति की बात की गई है। इस बजट के माध्यम से सरकार ने यह साफ कर दिया है कि छत्तीसगढ़ अब सिर्फ विकास की ओर नहीं, बल्कि विकसित राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। गति रणनीति के तहत राज्य को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल क्रांति और औद्योगिक समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाने की योजना बनाई गई है। छत्तीसगढ़ अब सिर्फ एक उभरता हुआ राज्य नहीं, बल्कि भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक बनने की ओर अग्रसर है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य की आर्थिक मजबूती, पूंजीगत व्यय में वृद्धि और कराधान में राहत जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। छत्तीसगढ़ बजट 2025-26 राज्य की आर्थिक स्थिरता, राजकोषीय अनुशासन और समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। पूंजीगत व्यय में इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि सरकार राज्य के बुनियादी ढाँचे और औद्योगिक विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
छत्तीसगढिय़ां सबले बढिय़ा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में बढ़ता सड़कों का जाल, रेल की कनेक्टीविटी और हवाई यात्रा की सुविधा और बेहतर मानव संसाधनों के चलते नये-नये उद्योग यहां आने के लिए उत्सुक हैं। छत्तीसगढ़ का इंफ्रास्ट्रक्चर जमीनी, पानी की उपलब्धता, यहां की खनिज, वन संपदा और यहां का वातारवण सभी मुद्दा छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए अनुकूल है। सरकार की नियत और नीति भी छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने वाली है।

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