सरगुजा से लेकर बस्तर तक माता की भक्ति में लीन है बंदी
रमेश गुप्ता
रायपुर। चैत्र नवरात्रि पर्व में माता की भक्ति में हर कोई तल्लीन है। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान उपवास रख माता की भक्ति की जा रही है। कोई पहले दिन का उपवास रख रहा है तो कोई तीन दिन और कोई पूरे 9 दिनों तो कोई तीन दिन का उपवास कर माता की आराधना में लगा है। छत्तीसगढ़ के जेलों में भी नवरात्रि उत्सव की धूम है। आम लोगों की तरह छत्तीसगढ़ के जेलों में भी नवरात्रि उत्सव मनाया जा रहा है। बंदी पूरी लगन के साथ माता की भक्ति कर रहे हैं। जेलों में भी बंदी उपवास रखकर माता की आराधना कर रहे हैं।
राजधानी रायपुर के सेंट्रल जेल में आस्था का जबरदस्त माहौल हैं। यहां पर सवाधिक बंदी उपवास कर रहे हैं। जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर के जेल में नवरात्रि पर 886 बंदियों ने उपवास रखा है। इनमें पुरुष बंदियों की संख्या 840 है और महिला बंदियों की संख्या 46 है। चुंकी रायपुर प्रदेश की राजधानी है तो यहां का जेल भी अन्य जेलों की तूलना में बड़ा है और यहां बंदियों की संख्या भी ज्यादा है। नवरात्रि के दौरान यहां उपवास रखने वालों को जेल प्रबंधन की ओर से भी विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
दुर्ग सेंट्रल जेल में 270 बंदियों ने रखा है उपवास
नवरात्रि उपवास की बात करें से दुर्ग सेंट्रल जेल में उपवास करने वाले बंदियों की संख्या भी ज्यादा ही है। जेल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर कुल 270 बंदी नवरात्रि उपवास कर रहे हैं। इनमें से 166 पुरुष बंदियों ने पूरे 9 दिनों का उपवास रखा है और 68 बंदी ऐसे हैं जो कि पहले, पांचवे व आठवें दिन का उपवास कर रहे हैं। यही नहीं 36 महिला बंदियों ने भी नवरात्रि का उपवास रखा है। इसी प्रकार जगदलपुर सेंट्रल जेल में 273 पुरुष व 23 महिला बंदियों को मिलाकर कुल 296 बंदियों ने उपवास रखा है।
बिलासपुर में 257 बंदियों ने रखा उपवास
इसी प्रकार बात की जाए न्यायधानी बिलासपुर की तो यहां के केन्द्रीय जेल में कुल 257 बंदियों ने उपवास रखा है। इनमें से 223 पुरुष बंदी हैं और 34 महिला बंदियों ने उपवास रखा है। अंबिकापुर सेंट्रल जेल में कुल कुल 213 बंदियों ने उपवास रखा है। इनमें 189 पुरुष व 24 महिला बंदी शामिल हैं। इसके अलवा रायगढ़ में 44, उप जेल जांजगीर में 16, उप जेल पेण्ड्रा में 15, उप जेल कटघोरा में 16, उप जेल राजनांदगांव में 35, उप जेल डोंगरगढ़ में 14 बंदी, सारंगढ़ में 2 और सक्ती में एक बंदी उपवास कर रहा है।