फिल्म की शुरुआत में एक वकील नहीं, एक कवि बैठा दिखता है। उसकी मेज़ पर गजानन माधव मुक्तिबोध की तस्वीर रखी है—वही मुक्तिबोध जो कहा करते थे, कहीं कोई तो होगा, जो ...
भारत को अब डिजिटल महाशक्ति कहा जाने लगा है। मोबाइल ऐप से लेकर ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल भुगतान से लेकर मनोरंजन तक, जीवन का बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर निर्भर हो चुका ह...
इस समय साधु संतों, पंडे-पंडितों से ज्यादा धर्म की ध्वजा उठाये राजनीतिक लोग दिखते हैं। हमारे संवैधानिक मूल अधिकारों में हमारी धार्मिक स्वतंत्रता का भी अधिकार ह...