आज़ादी, अश्लीलता और पैसों की अराजकता

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इन दिनों एक अजीबोगरीब बहस का केंद्र बनी हुई है। वजह है एक न्यूड पार्टी का कथित आयोजन, जिसे लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलिया...

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मिजोरम, रेल तो आ गई चैन कब आएगा?

13 सितंबर 2025 मिजोरम के इतिहास में एक मील का पत्थर है। जिस राज्य ने आज़ादी के बाद से रेल की आवाज़ का इंतज़ार किया, आखिरकार उसकी प्रतीक्षा पूरी हुई। बैराबी से...

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लोकतांत्रिक प्रतिरोध को दबाना खतरनाक

देश में जब आपातकाल लगा तब आलोचना के सभी माध्यमों पर प्रतिबंध लगाते हुए प्रतिरोध करने वालों को जेल में डाला गया। सभी जगह ठकुर सुहाती अच्छी लगने लगी। आपातकाल अन...

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आदम और हौव्वा अब कोर्ट कचहरी में

हाल ही में महिला शिक्षिका ने शादीशुदा प्रेमी पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिस पर दिल्ली हाइकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इसे शोषण नहीं माना और महिला की याचिका को...

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अपराध नियंत्रण में क्या प्रभावी होगी पुलिस कमिश्नरी?

छत्तीसगढ़ अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। रजत जयंती वर्ष में राजधानी रायपुर को नया विधानसभा भवन, नया राजभवन और बहुत सारी नई नई सौगातें मिल रही है। इन्हीं सौगा...

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सत्ता संस्थानों के प्रति बढ़ता युवा आक्रोश

दुष्यंत कुमार का बहुत पहले लिखा गया एक शेर नेपाल के हालात को देखते हुए याद आता है -सिफऱ् हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहींमेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिएम...

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डोंगरमाली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सरपंच पंडित राधाकिसन मिश्रा की प्रतिमा

डोंगरमाली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व सरपंच पंडित राधाकिसन मिश्रा की प्रतिमा, वारासिवनी में उनके निवास को उनके नाम से ग्रन्थालय बनाया गया है। इस दौरा...

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पितृपक्ष : पूर्वजों की स्मृतियों की अमरता के प्रयास

श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष का धार्मिक या सांस्कृतिक कारण और तर्क जो भी हैं, वे अपनी जगह हैं लेकिन एक कारण यह भी है कि हमारे पूर्वज विज्ञान और मनोविज्ञान के गहर...

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पुलिस को मुखबिर नहीं, लाईजनर चाहिए

पुलिस व्यवस्था का इतिहास उठाकर देखें तो मुखबिर इसकी रीढ़ माने जाते रहे हैं। अपराध और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के लिए मुखबिर आंख और कान की तरह होते थ...

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अगले बरस आने की कामना के साथ गणेशजी की विदाई

पुढच्या वर्षी लवकर या यानी अगले वर्ष जल्दी आना—गणेश विसर्जन के अवसर पर गूंजने वाला यह नारा अब केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान...

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