नई दिल्ली। प्रयागराज में रुद्रादित्य प्रकाशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में देश के अनेक जाने-माने लेखकों का सम्मान किया गया । देश के प्रसिद्ध कहानीकार , उपन्यासकार , आलोचक ,और ‘आज की जनधारा ‘ की वार्षिकी के संपादक भालचंद्र जोशी को वर्ष 2023 का डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी आलोचना सम्मान दिया गया । मलयज स्मृति आलोचना सम्मान प्रदीप सक्सेना , फणीश्वर नाथ रेणु स्मृति उपन्यास सम्मान प्रियदर्शन मालवीय , कमलेश्वर स्मृति कथा सम्मान अंजू शर्मा और स्नेहमयी चौधरी स्मृति कविता सम्मान रचना आनंद को दिया गया । इसी तरह वर्ष 2024 के लिए क्रमशः श्री प्रकाश मिश्र ,नीरज खरे , सिनीवाली शर्मा , विभा रानी और अखिलेश जायसवाल को दिया गया । इस अवसर पर रुद्रादित्य प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पत्रिका प्रयाग संवाद के प्रथम अंक का विमोचन किया गया ।
सम्मान समारोह में प्रयागराज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कुमार वीरेंद्र ने सम्मानित लेखक भालचंद्र जोशी की पुस्तक ‘नामवर सिंह : आलोचना की सार्थकता ‘ पुस्तक पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि – यह पुस्तक नामवर सिंह के रचनाकर्म को और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट करती है जिससे नामवर सिंह के कृतित्व और व्यक्तित्व को पहचाना जा सकता है । भालचंद्र जोशी की भाषा बहुत समृद्ध है । अभी तक नामवर सिंह को लेकर प्रायः बहुत प्रशंसा के अतिरेक में या फिर भर्त्सना भाव से लिखा गया था लेकिन यह पुस्तक उनके जीवन और कृतित्व का सार्थक और तठस्थ मूल्यांकन करती है । आलोचना के पाठकों के अतिरिक्त शोधार्थियों को भी यह पुस्तक पढ़नी चाहिए ।
इस सम्मान – अवसर पर कहा गया कि भालचंद्र जोशी हिंदी के वरिष्ठ कहानीकार , उपन्यासकार और संपादक होने के अतिरिक्त एक महत्वपूर्ण आलोचक भी हैं । जीवन का एक लंबा हिस्सा आदिवासियों के बीच बिताया है । आदिवासी जीवन पद्धति और कला का विशेष अध्ययन किया है और निमाड़ की लोक कथाओं और कला पर गंभीर काम है । आपकी रचनाओं का भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेजी में अनुवाद हुआ है । वे हिंदी के उन थोड़े से आलोचकों में से हैं जिन्होंने हिंदी की रूढ़ आलोचना से काफी पृथक जाकर रचना में अलक्षित रह गए भिन्नार्थ को प्रकट करने के लिए रचना के यथार्थ की यथातथ्यता को विलग करती विश्लेषण – भाषा में साक्ष्य – खोज की भाषा को संभव किया है ।
ऐसा आलोचना श्रम और प्रयास दरअसल वह रचनात्मक अंतर्निष्ठा है जो रचना को उसके भीतरी आशयों के साथ रचना – यथार्थ को विन्यस्त करने में सहज अनुभव करती है ।
वर्ष 2023 में रुद्रादित्य प्रकाशन समूह से प्रकाशित भालचंद्र जोशी की आलोचना पुस्तक ‘ नामवर सिंह : आलोचना की सार्थकता’ एक प्रयोजनीय कृति है जिसे पुरस्कार निर्णय समिति ने अपनी संस्तुति में हिंदी आलोचना जगत में एक महत्वपूर्ण कृति के रूप में स्वीकार किया है ।
अतः रुद्रादित्य प्रकाशन समूह , प्रयागराज की ओर से उक्त कृति के लिए भालचन्द्र जोशी को वर्ष 2024 के ‘डॉ. रामस्वरूप चतुर्वेदी स्मृति आलोचना सम्मान ‘ से विभूषित किया जाता है ।
इस आयोजन में देश के जाने-माने लेखक नरेश सक्सेना ,हरिश्चंद्र पांडेय ,कुमार पंकज , प्रयाग – संवाद के संपादक रघुवंश मणि के अतिरिक्त वर्तमान साहित्य के संपादक संजय श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन शशि कुमार सिंह ने किया । प्रयागराज के लेखकों के अतिरिक्त देश के अन्य शहरों से आए हुए महत्वपूर्ण लेखक भी शामिल हुए । रुद्रादित्य प्रकाशन के प्रमुख श्री अभिषेक ओझा ने सभी अतिथियों और सम्मानित लेखकों का प्रतीक चिन्ह देकर आभार व्यक्त किया ।