-सुभाष मिश्र
हमारे देश में बहुत से बाबा लोगों की धार्मिक आस्था और जीवन अनिश्चितता, अभाव और साधु-संतों के प्रति विश्वास की दीर्घकालिक परंपरा का लाभ उठाकर बहुत से बाबा, साधु-संत, प्रवचनकार बहुत सारी भविष्यवाणी करते हैं और लोगों को बड़ी से बड़ी तकलीफ बीमारी से मुक्ति दिलाने की बात करते हैं। ऐसी ही कुछ बात पिछले दिनों बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कही। धीरेंद्र शास्त्री ने देश के रक्षामंत्री को सलाह दी थी और कहा था कि हमें भविष्य की घटनाओं का पहले से पता चल जाता है उन्होंने खुद को अंतर्यामी बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो चेतना हनुमानजी की कृपा का है, उसका सदुपयोग करिए आने वाले समय में कोई संबंधित घटना होती है तो हम उसकी जानकारी दे देंगे। अब उनके आश्रम में पंडाल गिर गया। एक आदमी मर गया, कुछ घायल हो गए। 4 जुलाई को धीरेंद्र शास्त्री का जन्मदिन था इसके लिए भक्त एकत्र हुए थे। भक्तों के बीच अदृश्य होने की कथाओं और हनुमानजी के अवतारी कहलाने वाले अजानबाहु रावतपुरा सरकार भी अपना भविष्य नहीं जान पाये और अब सीबीआई ने उनके खिलाफ रिश्वत कांड में एफआईआर दर्ज कर ली। रावतपुरा सरकार ट्रस्ट द्वारा मेडिकल कालेज, यूनिवर्सिटी बहुत से शिक्षा संस्थान हंै। उनके अनुयायियों में राजनेता, अफसर और बहुत से प्रभावी लोग हैं। जिन्हें लगता है कि बाबा के आशीर्वाद और आश्वासन से उनका जीवन संवर जायेगा। अब बाबा को ही नहीं मालूम पड़ा कि जिस भ्रष्ट सिस्टम के लोगों को उनका संरक्षण है, वहीं सिस्टम के नेशनल मेडिकल कमीशन से जुड़े लोग उनसे मेडिकल कालेज की मान्यता के लिए रिश्वत मांगंगे। अब वो और उनके सहयोगी सीबीआई की गिरफ्त में आ जायेंगे।
भारत में बाबाओं और कथावाचकों का प्रभाव लंबे समय से रहा है, जो भक्तों की आस्था और विश्वास का लाभ उठाकर अपनी लोकप्रियता और आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जो बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के रूप में प्रसिद्ध है, हाल के वर्षों में अपने विवादास्पद दावों और कथित चमत्कारों के कारण चर्चा में रहे हैं। उनके द्वारा भविष्यवाणी, दिव्य शक्तियों और हनुमान जी की कृपा के दावों ने कई लोगों को आकर्षित किया, लेकिन साथ ही उनके कुछ दावे अवैज्ञानिक और तर्कहीन साबित हुए हैं। धीरेंद्र शास्त्री अब दूसरी यात्रा निकालने जा रहे हैं। वे हिन्दू राष्ट्र की बात करते हैं। वे जानते होंगे कि यह यात्रा भारत को विश्व गुरू बनाने वाली होगी।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बागेश्वर धाम बाबा के नाम से जाना जाता है, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं। 4 जुलाई 1996 को जन्मे शास्त्री ने 22 वर्ष की आयु में 2018 में इस मंदिर का नेतृत्व संभाला। उनकी लोकप्रियता का आधार उनकी पर्ची प्रथा है, जिसमें वह कथित तौर पर भक्तों की समस्याओं को बिना बताए जान लेते हैं और उनकी भविष्यवाणी करते हैं। उनके यदि प्रमुख दावों की बात की जाये तो वे दावा करते हैं कि वह भविष्य की घटनाओं को पहले से जान सकते हैं। एक अवसर पर उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार को विदेशी ताकतों से निपटने में अपनी दिव्य शक्तियों से मदद कर सकते हैं। वह खुद को हनुमान भक्त बताते हैं और दावा करते हैं कि उनकी शक्तियां हनुमान जी की कृपा से हैं। वह कहते हैं कि उनके दादा गुरु की आत्मा भी उनकी मदद करती है।
शास्त्री ने कई बार कहा कि वह भक्तों के मन की बात बिना बताए जान लेते हैं, जो उनके अंतर्यामी होने का सबूत है। भारत में बाबाओं और कथा वाचकों द्वारा अवैज्ञानिक दावे करना और भक्तों की आस्था का दुरुपयोग करना कोई नई बात नहीं है। ये बाबा अक्सर चमत्कार, भविष्यवाणी और अलौकिक शक्तियों के दावों के जरिए लोगों को आकर्षित करते हैं।
आसाराम बापू ने दावा किया कि वह बीमारियों को ठीक कर सकते हैं और भक्तों को मोक्ष दिला सकते हैं। उनके प्रवचनों में वह अक्सर दिव्य शक्तियों और आध्यात्मिक चिकित्सा की बात करते थे। 2018 में आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उनके आश्रमों में कई अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ, जिसमें धन की उगाही और यौन शोषण शामिल था।
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने खुद को जीवित गुरु और चमत्कारी संत बताया। उन्होंने दावा किया कि वह भक्तों के जीवन को बदल सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। 2017 में राम रहीम को बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 20 साल की सजा सुनाई गई। उनके डेरे में अवैध हथियार, ड्रग्स, और मानव तस्करी के सबूत मिले। उनके लाखों अनुयायियों ने उनकी सजा के खिलाफ प्रदर्शन किए, जिससे हिंसा भड़क उठी। भक्तों की अंधभक्ति ने उनके अपराधों को लंबे समय तक छिपाए रखा।
निर्मल बाबा ने दावा किया कि वह भक्तों की समस्याओं को कृपा और आध्यात्मिक सलाह से हल कर सकते हैं। उनकी सलाह में अजीबोगरीब उपाय शामिल थे, जैसे 10 समोसे खाना या विशेष रंग का पर्स रखना। 2012 में उनके खिलाफ धोखाधड़ी और अवैज्ञानिक दावों के लिए कई शिकायतें दर्ज हुईं। उनके टीवी शो को बंद करना पड़ा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हुई। भक्तों ने उनकी सलाह पर अमल किया और लाखों रुपये दान किए, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला।
स्वामी नित्यानंद ने खुद को अवतार बताया और दावा किया कि वह तीसरी आंख खोल सकते हैं, बीमारियों को ठीक कर सकते हैं और अलौकिक शक्तियों से संपन्न हैं। उन्होंने कैलासा नामक एक काल्पनिक देश की स्थापना का दावा भी किया। 2010 में उनके सेक्स स्कैंडल का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद वह फरार हो गए। उनके खिलाफ बलात्कार, धोखाधड़ी और अपहरण के मामले दर्ज हैं। वह अभी भी भारत से बाहर हैं। उनके अनुयायी आज भी उन्हें भगवान मानते हैं और उनके कैलासा के दावों पर विश्वास करते हैं, भले ही यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है।
ऐसे ही बहुत से बाबा, कथित पीर औलिया, चंगाई सभा में लोगों की बीमारी दूर करने का दावा करते हैं, जो लोगों की आस्था, विश्वास, अंधविश्वास का लाभ उठाकर उन्हें अपनी ओर आकर्षित करते हैं।