रायपुर। IPS अधिकारी जीपी सिंह की बहाली का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (CAT) के आदेश को चुनौती दी थी। इस फैसले के बाद अब केंद्र सरकार के लिए जीपी सिंह को बहाल करना अनिवार्य हो गया है।
Raipur City News : क्या था मामला?
जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आरोप लगाए गए थे। जुलाई 2021 में ACB ने उनके सरकारी बंगले और अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति और कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया और राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। 2023 में केंद्र सरकार ने जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया था, जबकि उनकी सेवा में 8 साल बाकी थे। लेकिन जीपी सिंह ने इस फैसले को CAT में चुनौती दी और अदालत ने उनके पक्ष में निर्णय दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन दोनों ही अदालतों ने जीपी सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। अब उनके खिलाफ कोई भी मामला लंबित नहीं है और उनकी बहाली का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।
Raipur City News : न्यायिक जीत के बाद जीपी सिंह का भविष्य-
अब जीपी सिंह की चार साल की सेवा बाकी है, और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें फिर से बहाल करना केंद्र सरकार की मजबूरी बन गई है। उनके वकील हिमांशु पांडे ने इस फैसले को न्याय की जीत बताया और कहा कि अब जीपी सिंह के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं बची है।