Odisha contractors: गरियाबंद में ओडिशा के ठेकेदार बनवा रहे सडक़

गरियाबंद में ओडिशा के ठेकेदार बनवा रहे सडक़

ग्रामीणों ने हाईवा रोक किया था प्रदर्शन; भारी वाहन गुजरने से हो गई थी जर्जर

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के उसरीपानी में जर्जर सडक़ की मरम्मत की जा रही है। यह मरम्मत किए गए वायदे के मुताबिक ओडिशा क्रेशर संचालक करवा रहे हैं। ग्रामीणों ने हाईवा रोककर प्रदर्शन किया था। हाईवा को छुड़ाने ओडिशा के ठेकेदार ने काम शुरू करवाया है। साल 2015 मुख्यमंत्री सडक़ योजना के तहत पीएमजीएसवाय विभाग ने उसरीपानी से कालाहांडी पाइकपड़ा तक 2 किमी लंबी सडक़ बनाई गई थी। भारी वाहन गुजरने के कारण सडक़ पर गढ्ढे हो गए थे। जिसे ओडिशा के क्रेशर संचालकों द्वारा रिपेयर कराया जा रहा है।
मिक्स डस्ट और गिट्टी डालकर पहले फोकलेन से गढ्ढे भरे जा रहे हैं फिर उसे बराबर कर आवाजाही लायक बनाया जा रहा है। पूरी सडक़ के गढ्ढे भरने में 2 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च का अनुमान है।

न वाहन रोके गए न ही मरम्मत कराई जा रही थी
उसरीपानी के उपसरपंच नारायण मांझी, 5 ललित नागेश ने बताया कि उक्त सडक़ पर पहले तो भारी वाहन की आवाजाही रोकने प्रशासन से गुहार लगाते रहे। एसडीएम से लेकर अफसरों से बार-बार निवेदन करते रहे। अधिकारी वाहन रोकने के बजाए फंड का रोना रोते रहे, इसलिए सभी ग्रामीणों को एकजुट होकर इसके समाधान के लिए सडक़ पर उतरना पड़ा था। ग्रामिणों ने कहा कि 3 अक्टूबर को 6 हाईवा को रोक दिए थे, तब भी कार्रवाई के लिए कोई जिम्मेदार अफसर नहीं आए। 3 घंटे जाम के बाद लोगों ने वाहन मालिक और क्रेशर संचालक से सीधी बात कर सडक़ मरम्मत की शर्त पर वाहन छोडऩे का शर्त रखा था। क्रेशर संचालक अपने वायदे के मुताबिक अब सडक़ मरम्मत करा रहे।

दोनों राज्य के लिए अहम है सडक़
पाइक पड़ा कालाहांडी में है। यहां से नवरंगपुर जिले के बड़े व्यापारिक सेंटर जाने के लिए उसरीपानी के इसी रास्ते से प्रवेश करना पड़ता है। ओडिशा के दो जिलों के जोडऩे का ये शॉट कर्ट मार्ग है। कमर्शियल वाहन के अलावा बड़ी शहरों को जाने वाली 5 से ज्यादा यात्री बस इसी रास्ते से गुजरती है। उसरीपानी के ग्रामीणों को उपचार के लिए नवरंगपुर हो या धर्मगढ़ जाने के लिए आसानी होती है। जर्जर होने के कारण यात्री बसें बंद हो गई थी।

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नवीनीकरण का भेजा है प्रस्ताव
मामले में पीएमजीएसवाय के एसडीओ कमलेश चंद्राकर ने कहा कि कार्य में 2018 तक संधारण अवधि खत्म हो गया था। सडक़ के नवीनीकरण कार्य के लिए अप्रैल 2024 में सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही नवीनीकरण किया जाएगा। आपसी सहमति और सुविधा के लिए अस्थाई मरम्मत अगर ग्रामीण करवा रहे हैं तो वो उनके आपस का मसला है।

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