पूर्वोत्तर के कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुतियों से किया मंत्रमुग्ध
पूर्वोत्तर के स्वाद और शिल्पकला का भी जलवा
खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय ‘ऑक्टेव 25’ महोत्सव का कल भव्य समापन हुआ. दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली. 21 से 23 मार्च 2025 तक चले इस भव्य आयोजन में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के 280 से अधिक कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्य और लोकसंस्कृति की अद्भुत प्रस्तुतियां दीं.

महोत्सव के आखिर दिन मणिपुर का ढोल चोलम, पुंग चोलम और बसंत रास, असम का बिहू नृत्य, त्रिपुरा का होजागीरी, नागालैंड का नजाता, अरुणाचल प्रदेश का गास्यो स्यो नृत्य, मिजोरम का चेराव नृत्य और सिक्किम का तामाङ सेलो जैसे अनूठे नृत्य रूपों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. सिर्फ नृत्य और संगीत ही नहीं, बल्कि इस महोत्सव में पूर्वोत्तर की पारंपरिक हस्तशिल्प कला और व्यंजनों का भी शानदार प्रदर्शन किया गया. दर्शकों ने न केवल रंग-बिरंगे और आकर्षक हस्तशिल्पों की खरीदारी की, बल्कि पूर्वोत्तर के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी चखा. महोत्सव का ग्रैंड फिनाले विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें आठों राज्यों के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया. पारंपरिक वेशभूषा, लोकसंगीत और नृत्यशैली ने दर्शकों को पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराया. समापन समारोह में रानी विभा देवव्रत सिंह समेत खैरागढ़ और देश-विदेश के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे. आयोजन की सफलता में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ और जिला प्रशासन का विशेष योगदान रहा.
Related News
सामान्य से दो घंटे ज्यादा चमक रहा है सूर्य
राजकुमार मल
भाटापारा। सूर्य चमक लगभग 12 घंटे। नमी महज 35 प्रतिशत। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा। सूर्य की पराबैंगनी किरणें बेहद त...
Continue reading
सरायपाली कैट अध्यक्ष मदन अग्रवाल ने प्रदेश अध्यक्ष को समस्याओ से अवगत कराया था
दिलीप गुप्ता सरायपाली सरायपाली नगर व ग्रामीण क्षेत्रो में लगातार विद्युत समस्याओ से व्यापारीगण ...
Continue reading
किसानों को मिली वर्षों से लंबित समस्याओं से मुक्ति
ग्रामीणों ने विष्णु सरकार का किया आभार प्रकट
कोरियाछत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित सुशासन तिहार ने कोरिया जिले के ग्रामीणों और...
Continue reading
-सुभाष मिश्रभारत आज विकास के जिस सुनहरे दौर से गुजर रहा है, वह अभूतपूर्व है। सड़कें, रेल, बंदरगाह और स्मार्ट शहर हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है। भारतमाला पर...
Continue reading
छात्रों ने देखा ...विज्ञान केंद्र , मुक्तांगन और जंगल सफ़री
भुवनेश्वर प्रसाद साहूकसडोल / सोनाखानशैक्षणिक भ्रमण योजना के तहत पीएमश्री स्कूल कसडोल के बच्चो ने विज्ञान सेंटर ...
Continue reading
-सुभाष मिश्रसाइलेंट डायवोर्स अब एक ग्लोबल शब्द युग में बन चुका है और यह कोई ऐसा शब्द भी नहीं रहा कि बहुत पहले पश्चिमी देशों में आया और फिर हमारे यहां आया है। टेक्नोलॉजी के विका...
Continue reading
सक्ती7वे वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में डाँ. चौलेश्वर चंद्राकर ने पुणे महाराष्ट्र में रिसर्च पेपर छत्तीसगढ़ का मदकूद्वीप पुरातत्वीय धरोहर एवं धार्मिक आस्था का केंद्र का वाचन कर ...
Continue reading
पूर्व में अनेकों अपराधिक घटनाओं को मुसाफिरों ने दिया अंजाम
मकान मालिकों को किरायेदार और अपनी पहचान थाने में दर्ज कराना अनिवार्य, ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस की कड़ी निगरानी
पत्थल...
Continue reading
समाधान पेटी से प्राप्त आवेदनों का हो रहा निराकरण
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से लोगों को मिल रही समस्याओं से राहत
अम्बिकापुरराज्य शासन द्वारा आयोजित सुशासन तिहार 2025 क...
Continue reading
सक्ती। डॉ. कृपाल सिह कवर (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला सक्ती की अध्यक्षता में अंतरविभागीय एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
उक्त प्...
Continue reading
सक्तीभारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ जिला सक्ती की टीम ने जिले के कलेक्टर से मिलकर अपनी पांच सूत्रीय मांगो को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा परिचर्चा कर मुख्यमंत्री श्री साय के ...
Continue reading
रमेश गुप्ता
भिलाई... भारत सरकार व्दारा पूर्व प्रचलित आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन नवीन कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारत साक्ष्य अधिनि...
Continue reading
‘ऑक्टेव 25’ महोत्सव ने न सिर्फ पूर्वोत्तर की समृद्ध लोकसंस्कृति को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने का कार्य किया, बल्कि खैरागढ़ को भी राष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोजनों के मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई. इस भव्य आयोजन ने पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता और उसकी जीवंत परंपराओं को नए आयाम दिए.