-सुभाष मिश्र
भारतीय क्रिकेट में कम ही ऐसे सदाबहार स्टार खिलाड़ी हैं, जिनके मैदान में होने मात्र से क्रिकेट प्रेमियों की धड़कन बढ़ जाती है और मैदान का शोर मीटर सबसे हायर स्पीड पर पहुंच जाता है। महेन्द्र सिंह धोनी के बाद ये जुनून विराट कोहली के लिए देखा जाता है। विराट कोहली, जिन्हें आधुनिक क्रिकेट का ‘किंगÓ कहा जाता है, ने अपने कैरियर में असाधारण उपलब्धियां हासिल की है। भारतीय क्रिकेट टीम कामयाब टेस्ट कप्तान होने के साथ ही उन्होंने 30 टेस्ट शतक जड़े। 7 दोहरे शतक बनायें। अपनी फिटनेस और जज्बें के चलते कोई यह सोच भी नहीं सकता था कि विराट कोहली अचानक से यूं सन्यास लेंगे। टेस्ट क्रिकेट जो काफी शांत और बोरिंग माना जाता था। उसमें जोश और उमंग भरने वाले विराट कोहली दस हजार रन के जादुई आंकड़े से मात्र 770 रन दूर रहे। अपने कैरियर एक कदम पर रहे विराट ने क्रिकेट प्रेमियों को यह जानने के लिए छोड़ दिया है कि अभी क्यों। उनका जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था और उन्होंने 2008 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया। इसके बाद 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू और 2010 में टी20 आई डेब्यू के साथ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में अपनी छाप छोड़ी। कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में 46.85 के औसत से 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनके सात दोहरे शतक और 254 रनों का सर्वोच्च स्कोर उनके टेस्ट करियर की मजबूती को दर्शाता है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में सात टेस्ट शतक बनाए, जो किसी विदेशी बल्लेबाज द्वारा वहां सबसे ज्यादा है। वनडे में कोहली ने 51 शतकों के साथ रिकॉर्ड बनाया जो सचिन तेंदुलकर (49) के बाद सबसे ज्यादा है। टी20आई में उनका एकमात्र शतक 2022 एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ आया। कुल मिलाकर उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 82 शतक हैं, जो सचिन के 100 शतकों के बाद दूसरे स्थान पर है। कोहली ने भारत को टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल कप्तान बनाया, जिसमें लगातार टेस्ट मैच जीते और 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत शामिल है। उन्होंने 2008 अंडर-19 विश्व कप में भी भारत को जीत दिलाई।
कोहली को 2017 में सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी, 2013 में अर्जुन पुरस्कार और 2017 में पद्म श्री जैसे सम्मान मिले। वे एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने तीनों प्रारूपों में 900 रेटिंग पॉइंट्स हासिल किए। 12 मई 2025 को कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, जिसने क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया। यह फैसला इंग्लैंड के खिलाफ महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज और 2025-27 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के नए चक्र से पहले आया। यदि हम विराट कोहली के संन्यास की पड़ताल करें तो पिछले कुछ सालों से उनका खराब फॉर्म रहा है। 2020 के बाद से कोहली का टेस्ट प्रदर्शन उनके मानकों से कम रहा। 39 टेस्ट में उनका औसत 30.72 था और केवल तीन शतक आए। ऑस्ट्रेलिया में 2024-25 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पर्थ में शतक के बावजूद, बाकी सीरीज में उनका औसत 23.75 रहा। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी वे केवल 93 रन बना सके। 36 वर्ष की आयु में कोहली ने अपनी फिटनेस और ऊर्जा को 2027 वनडे विश्व कप के लिए बचाने का फैसला किया। टेस्ट क्रिकेट का पांच दिवसीय प्रारूप शारीरिक और मानसिक रूप से कठिन होता है, और उन्होंने वनडे पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी निराशा व्यक्त की थी, विशेष रूप से बार-बार ऑफ-स्टंप के बाहर आउट होने के कारण। उन्होंने स्वीकार किया कि यह दौर उनके लिए अपेक्षित नहीं रहा। कोहली के टेस्ट संन्यास का भारतीय क्रिकेट पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, खासकर क्योंकि यह रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे अन्य दिग्गजों के संन्यास के बाद आया है। कोहली, रोहित और अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट टीम में अनुभवी बल्लेबाजों की कमी होगी। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे पहले ही टीम से बाहर हैं और मोहम्मद शमी चोट से जूझ रहे हैं। युवा खिलाड़ी जैसे शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, और ऋषभ पंत पर दबाव बढ़ेगा, खासकर इंग्लैंड जैसे चुनौतीपूर्ण दौरे पर। कोहली इंग्लैंड में भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं (2,637 रन) और उनकी अनुपस्थिति में बल्लेबाजी इकाई कमजोर हो सकती है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की शुरुआत इंग्लैंड दौरे से हो रही है। कोहली की अनुपस्थिति से भारत की जीत की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि वे न केवल एक शीर्ष बल्लेबाज थे, बल्कि टीम के लिए प्रेरणास्रोत भी। भारत ने हाल ही में न्यूजीलैंड (0-3) और ऑस्ट्रेलिया (1-3) के खिलाफ सीरीज गंवाई है, जिससे पहले से ही उनकी बल्लेबाजी कमजोर दिख रही है। विराट कोहली के संन्यास से युवा बल्लेबाजों को मौका मिलेगा। वे इंग्लैंड दौरे पर खुद को साबित कर सकते हैं लेकिन अनुभव की कमी के कारण शुरुआती चुनौतियां हो सकती हैं। कोहली ने स्वयं कहा कि वे नए खिलाडिय़ों को मौका देना चाहते हैं। बीसीसीआई चाहती थी कि कोहली
इंग्लैंड दौरे तक खेलें, लेकिन उनके फैसले से अब युवा खिलाडिय़ों पर निर्भरता बढ़ेगी। यदि हम टेस्ट क्रिकेट में भारत की स्थिति का अंाकलन करें तो कोहली को टेस्ट क्रिकेट का ‘ब्रांड एम्बेसडरÓ माना जाता था और उनकी कप्तानी में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में नई ऊंचाइयां छुई थीं। उनके संन्यास से टेस्ट प्रारूप में भारत का आक्रामक रवैया और वैश्विक प्रभुत्व प्रभावित हो सकता है। उनके जाने से बल्लेबाजी क्रम में मध्य क्रम की स्थिरता पर सवाल उठ सकते हैं, क्योंकि कोहली नंबर 4 पर मजबूत स्तंभ थे। कोहली के संन्यास ने प्रशंसकों को भावुक कर दिया है। सोशल मीडिया उनकी उपलब्धियों से भरा पड़ा है। उनकी आक्रामकता, जुनून, और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें वैश्विक आइकन बनाया। विराट कोहली के 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद क्रिकेट जगत के महत्वपूर्ण व्यक्तियों और खिलाडिय़ों ने उनकी शानदार उपलब्धियों और खेल के प्रति जुनून की सराहना की। उनकी विरासत को एक युग के अंत के रूप में देखा गया। नीचे कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं दी गई हैं। जसप्रीत बुमराह ने कोहली के लिए एक भावुक संदेश लिखा, जिसमें उनके टेस्ट करियर को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा, विराट भाई, आपने टेस्ट क्रिकेट में जो मानक स्थापित किए, वे हमेशा प्रेरणा देंगे। आपकी तीव्रता और नेतृत्व ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आधिकारिक बयान जारी कर कोहली के असाधारण टेस्ट करियर को सम्मानित किया। बयान में कहा गया, विराट कोहली ने उत्कृष्टता, नेतृत्व और समर्पण के मानकों को फिर से परिभाषित किया। उनकी विरासत हमेशा भारतीय क्रिकेट में जीवित रहेगी। बीसीसीआई ने उनके 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन, 30 शतक और भारत को सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाने के योगदान को रेखांकित किया। आईसीसी यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कोहली के टेस्ट करियर को आइकॉनिक करार देते हुए एक विशेष टाइमलाइन साझा की, जिसमें उनके 2011 डेब्यू से लेकर 2025 तक के प्रमुख क्षण शामिल थे। उन्होंने लिखा, साथियों से लेकर विरोधियों तक, क्रिकेट जगत विराट कोहली की टेस्ट यात्रा को सलाम करता है। आईसीसी ने उनकी 82 अंतरराष्ट्रीय शतकों और टेस्ट में सात दोहरे शतकों की उपलब्धियों को हाइलाइट किया।
सोशल मीडिया पर उनकी विरासत को ‘अनमैच्ड लिगेसीÓ और ‘मॉडर्न-डे ग्रेटÓ के रूप में याद किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कोहली के संन्यास ने भावनाओं की बाढ़ ला दी। एक पाकिस्तानी प्रशंसक, सज्जाद अहमद, ने लिखा, किंग विराट कोहली के बिना टेस्ट क्रिकेट की कल्पना नहीं की जा सकती। मैं उनके जाने के बाद टेस्ट मैच नहीं देखूंगा। आपने जुनून और समर्पण को फिर से परिभाषित किया। प्रशंसकों ने उनके आंकड़ों—123 टेस्ट, 9,230 रन, 30 शतक, 46.85 औसत को साझा करते हुए उन्हें आधुनिक युग का महानतम टेस्ट बल्लेबाज बताया। कोहली की ऑस्ट्रेलिया में सात टेस्ट शतकों की उपलब्धि को सचिन तेंदुलकर (छह शतक) से आगे निकलने के रूप में विशेष रूप से उल्लेख किया गया। कोहली के संन्यास ने क्रिकेट समुदाय को भावुक कर दिया, जिसमें खिलाड़ी, बोर्ड और प्रशंसक उनकी विरासत को सलाम कर रहे हैं। उनकी आक्रामकता, नेतृत्व और टेस्ट क्रिकेट के प्रति जुनून को विशेष रूप से याद रखा जाएगा।