ईसाई समाज बोला- लोगों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, आदिवासी नेता बोले- मूल धर्म में लौट आओ
जगदलपुर। बस्तर में धर्मांतरण को लेकर फिर बवाल हो गया है। दंतेवाड़ा-बीजापुर जिले की सरहद पर स्थित कौशलनार में शव दफनाने को लेकर ईसाई समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट गया। ईसाई धर्म मानने वाले लोगों के मुताबिक ग्रामीणों ने (आदिवासी समाज) कुल 28 लोगों को लाठी-डंडों से पीटा है। समाज में एक शख्स की मौत के बाद लोग (आदिवासी समाज) गांव में शव दफनाने नहीं दे रहे थे। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष राजा राम तोड़ेम का कहना है कि जिन्होंने धर्मांतरण किया है वे मूल धर्म में लौट आओ, नहीं तो गांवों में ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। 23 अगस्त की इस घटना के विरोध में ईसाई समाज के सदस्य सोमवार को सडक़ पर उतर आए। उनके मुताबिक पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर केवल धक्का-मुक्की का केस दर्ज किया है।
कौशलनार गांव के रहने वाले युवक फूलधर ने बताया कि मेरे साथ गांव के कुछ लोग पिछले कई सालों से ईसाई धर्म मान रहे हैं। कुछ दिन पहले इसी गांव के रहने वाले सुकालू लेकामी (55) (मसीह समाज) की किसी बीमारी के चलते मौत हो गई। जिसके बाद परिजन शव दफनाने ले गए थे। इस दौरान यहां गांव के भी कुछ ग्रामीण पहुंच गए, जिसके बाद शव दफनाने नहीं दिया जा रहा था।
आरोप – बाहर के लोग आए थे
थोड़ी देर में गांव के सारे लोग वहां एकत्र हो गए और गांव के बाहर से भी कुछ लोगों को बुलाया गया। जिसके बाद उन्होंने कहा कि ईसाई धर्म मानने वाले लोगों को गांव में शव दफनाने नहीं देंगे। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ। फूलधर का कहना है कि विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि गांव वालों ने बाहर से आए लोगों के साथ मिलकर हमें दौड़ा-दौड़ाकर लाठी-डंडे से खूब मारा। महिलाओं समेत करीब 25 से 28 लोगों की पिटाई की गई, जिसके बाद सभी जान बचाकर जंगल की तरफ चले गए थे। हालांकि, शव दफन कर दिया गया था। जिन लोगों ने पिटाई की उनके खिलाफ बारसूर थाने में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है।
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पुलिस को सौंपा ज्ञापन
इस मामले की जांच कर पिटाई करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है। समाज के सदस्यों ने सोमवार को इस मामले को लेकर दंतेवाड़ा के कतियाररास बाजार स्थल में धरना प्रदर्शन कर पुलिस को ज्ञापन सौंपा।
नरेंद्र बोले- बाहर से आए लोगों ने गांव वालों को भडक़ाया
छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी का कहना है कि, गांव में ईसाई धर्म मानने वाले लोगों के मौलिक अधिकारों को कुचला गया है। हमें पता चला है कि गांव में कुछ बाहर के लोग घुसे थे और लोगों को भडक़ा रहे थे।
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ईसाई धर्म मानने वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया है, जिसका वीडियो भी हमारे पास है। नरेंद्र भवानी का कहना है कि सारे प्रमाण होने के बाद भी पुलिस ने सिर्फ धक्का-मुक्की करने का केस बनाया है। कांग्रेस की सरकार में भी समुदाय के ऊपर अत्याचार हुआ, अब भाजपा की सरकार में भी हो रहा है। इससे पहले दंतेवाड़ा और बस्तर जिले में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है। अब पुलिस उनपर कार्रवाई नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
राजा राम बोले- संस्कृति नष्ट कर रहे
आदिवासी समाज पर लगे इन आरोपों को लेकर समाज का पक्ष जानने भास्कर की टीम ने सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजा राम तोड़ेम से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि, बस्तर में हमारी संस्कृति को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। इसलिए वहां भी गांव वालों ने इसका विरोध किया होगा।
पुलिस बोली- जांच कर रहे
एसडीओपी उन्नति ठाकुर ने कहा कि कौशलनार की घटना की जानकारी मिली है। इसकी जांच की जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।