जाने नसों की कमजोरी के लक्षण, कारण और बचाव

जाने नसों की कमजोरी के लक्षण, कारण और बचाव

नसें हमारे शरीर में ब्लड के फ्लो को बाकी अंगों तक पहुंचाने का काम करती हैं लेकिन जब ये नसें कमजोर (Nerve Weakness) होती है तो शरीर में कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। नसें कमजोर (Naso Ki Kamjori) होने के भी बहुत सारे कारण हैं और सबसे मुख्य कारण आपका खान-पान ही है। अगर शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो तो नसें कमजोर होने लगती हैं और ये नसें शरीर के किसी भी हिस्से में कमजोर हो सकती है। कमजोरी को दूर करने के लिए डाइट में विटामिन्स- मिनरल्स और बाकी तत्व लेने जरूरी है।

नसों में कमजोरी है क्या? 
नसों में कमजोरी होना, एक तंत्रिका तंत्र से जुड़ी गंभीर समस्या है और यह कमजोरी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। कुछ लोगों में नसों की कमजोरी कुछ समय के लिए होती है जब वह डाइट व लाइफस्टाइल में सुधार करते हैं तो अपने आप सही हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है और इलाज न मिलने पर मरीज की स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

नसों में कमजोरी के लक्षण 
नसों की कमज़ोरी में आपकी त्वचा पर मकड़ी जैसी नसें दिख सकती हैं या त्वचा के नीचे उभरी हुई महीन लाल-नीली रेखाओं के रूप में भी इसकी पहचान की जा सकती है। नसों की कमज़ोरी के कारण वैरिकोज़ वेन्स और थ्रोम्बोसिस भी बन सकते हैं। नसों में कमजोरी होने पर आपको कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं जैसे हाथ पैर में झुनझुनी या चुभन महसूस होना।

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शरीर में कंपन महसूस होना।
पैरों में सूजन, भारीपन, थकान या दर्द।
मकड़ी जैसी नीली-लाल नसें दिखना।
नसों में दर्द और तनाव महसूस होना।
शरीर में एनर्जी ना रहना और बहुत अधिक कमजोरी महसूस होना।
पेट से जुड़ी परेशानियां या सिरदर्द।
बहुत ज्यादा गर्मी या ठंड लगना।
ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियां आना।
डिप्रेशन और स्ट्रेस महसूस होना।
मांसपेशियों में कमजोरी होना।

नसों में कमजोरी के कारण 
खान-पान के अलावा भी नसों में कमजोरी आने के कुछ कारण हो सकते हैं चलिए उस बारे में भी आपको बताते हैं।

दुर्घटना या चोट लगने से नसों में सूजन आना, अगर चोट गंभीर है तो नसों में कमजोरी आ जाती है।

ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानी, डायबिटीज़,ऑटोइम्यून डिसीज, हॉर्मोन का असंतुलन जैसी दिक्कतें।

हर्पीज़, एचआईवी, हेपेटाइटिस सी या कोई आनुवांशिक कारण

खान-पान की गलत आदतें जैसे एल्कोहन-धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले।

किडनी या लिवर से जुड़ी समस्या होने से भी नसें कमजोर हो सकती हैं।

ट्यूमर या कैंसर, कीमोथेरेपी की दवाएं लेने से भी नसें कमजोर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में डाक्टर से पूछकर ही कोई दवाई या डाइट लें।

नसों को मजबूत कैसे करें?
अगर नसों में कमजोरी खान-पान के चलते आई है तो संतुलित आहार खाने शुरू करें। आहार में फाइबर-आयरन, विटामिन्स का सेवन अधिक करें। विटामिन सी से भरपूर फल सब्जियां खाए।आहार में ओटमील, ब्राउन राइस, ब्रोकली, एवोकाडो, दालें शामिल करें। डाइट में पाइनएप्पल, स्ट्रॉबेरी, फूलगोभी, पत्तागोभी, संतरा, नींबू, स्प्राउट्स इत्यादि को शामिल कर सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड जरूर लें। हल्दी वाला दूध पीएं।

जिन लोगों को ज्यादा कमजोरी महसूस हो रही है वो ओट्स जरूर खाएं। ओट्स बहुत हैल्दी माने जाते हैं। वह मेवों का सेवन करें। अखरोट-बादाम, किशमिश जैसे मेवे शरीर में जान डालने का काम करते हैं। अगर इसकी तासीर गर्म लगती हैं तो इनका सेवन भिगोकर करें। विटामिन ई से भरपूर चीज़ें जैसे कि नट्स, बीज वाली चीज़ें, एवोकाडो, ऑलिव ऑयल, पंपकिन, आम, मछली खाएं, विटामिन बी6 के लिए केला, मूंगफली, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाएं और विटामिन बी12 के लिए अंडे खाएं। ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी जैसे जामुन फ्लेवोनॉयड्स और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। शरीर में पानी की कमी से थकान और कमज़ोरी हो सकती है इसलिए जरूरी है कि दिनभर में 2 से 3 लीटर पानी पिएं। फ़लों का जूस, छाछ, लस्सी, नींबू पानी और नारियल पानी भी पी सकते हैं।

तेल की मालिश करने से भी नसों को मजबूती मिलती है। तिल, अरंडी, देसी घी, सरसों का तेल इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा लाइफस्टाइल को हैल्दी रखें। फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखे। सैर करें योग करें और हल्की फुल्की एक्सरसाइज के लिए समय निकालें। खुद को तनावमुक्त रखें। अच्छी नींद भी लें। इससे भी शारीरिक और मानसिक थकान से राहत मिलती है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी नसें कमजोर हैं?
शरीर में सुन्नपन-झुनझुनाहट होना या किसी खास हिस्से में संवेदना या एहसास का खत्म हो जाना, इसके आम लक्षण है हालांकि यह कई अलग-अलग चिकित्सा रोगों का भी एक आम लक्षण है, लेकिन यह आमतौर पर शरीर की नसों में किसी समस्या का संकेत होता है।

कौन सा भोजन नसों को मजबूत बनाता है?
स्वस्थ आहार खाकर ही आप नसों को मजबूत बना सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड भी नसों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। मछली, एवोकाडो, अलसी और अखरोट में भरपूर ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।

कौन सा तेल नसों को मजबूत करता है?
नसों में दर्द और कमजोरी दूर करने के लिए अरंडी के तेल से मालिश करें। गर्म गुनगुने पानी में तेल डालकर सिंकाई करने से भी आराम मिल सकता है।

सेंधा नमक के पानी से सिंकाई
नसों को मजबूत बनाए रखने के लिए सेंधा नमक के पानी से सिंकाई करें। सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट पाया जाता है, जो नसों को मजबूत कर सकता है। आप गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर नहा सकते हैं। इससे भी आराम मिलेगा।

हाथ पैरों की कमजोरी कैसे दूर करें?
एक से दो गिलास दूध का सेवन करने से बॉडी को भरपूर विटामिन बी 12 मिल सकता है। दूध नहीं पीते तो दही, पनीर या मट्ठे का सेवन करें। मशरुम का सेवन करें। मशरूम ऐसा फूड है जिसका सेवन करने से बॉडी में विटामिन बी 12 की कमी पूरी होती है। इससे कमजोरी और थकान भी दूर होती है।

तुरंत ताकत के लिए क्या खाएं?
शरीर में तुरंत ताकत लाने के लिए अनार, केला, बादाम, अंडा, दही और डार्क चॉकलेट्स खाएं। डार्क चॉकलेट्स खाने से शरीर में तुरंत ही ऊर्जा का संचार होता है। इससे मूड भी बेहतर होता है।

नसों की कमजोरी दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय 
नसों की कमज़ोरी के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताए गए हैं।

अश्वगंधाः अश्वगंधा पाउडर को एक गिलास दूध या पानी में मिलाकर पिया जा सकता है।

आंवलाः आंवले में भी कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। आंवले के चूर्ण को आंवले के रस और मिश्री के साथ मिलाकर पानी या दूध के साथ पी सकते हैं।

चक्रफूल का तेलः नसों में बेचैनी और क्रैंप्स की समस्या ज्यादा है तो चक्रफूल के तेल की मालिश लाभदायक हो सकती है। नारियल या सरसों के तेल में चक्रफूल का तेल डालकर गर्म करें और रात में सोने से पहले लगाएं लेकिन कोई भी आयुर्वेदिक उपाय करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

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