ए रामचंद्रन होने के मायने

राजेन्द्र शर्माबीते साल 10 फरवरी 2024 को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त चित्रकार और मूर्तिकार ए रामचन्द्रन इस फानी दुनिया से रुखसत हो गए। 89 वर्षीय ए ...

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“डबल-ट्रिपल इंजन और सरकारी कछुए की रफ़्तार”

सरकार चाहे डबल इंजन की हो या ट्रिपल, इंजन की आवाज़ ज़रूर गूंजती है—पर सरकारी गाड़ी फिर भी उसी गति से चलती है, जैसी फाइलें मंत्रालयों की अलमारियों में सरकती है...

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सनकी व्यक्ति ने दो बच्चों को गड़ासे से काटा, फिर घर में लगाई आग, 6 लोग की मौत

बहराइच।  उत्तर प्रदेश के बहराइच में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। एक सनकी व्यक्ति जिसने अपने घर में ही आग ल...

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आस्था का सम्मोहन और मौत का मेला

इस देश में आस्था कभी मंदिर के दरवाज़े पर सिर झुकवाती है, कभी चुनावी मंच पर नेता की झलक दिखाने के लिए भीड़ को पसीना बहवाती है। लोग देवता हों या अभिनेता, बाबाओं...

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बदलता बस्तर : कितना आंतरिक कितना बाहरी !

(नक्सली हिंसा की आँच जंगल से शहर की ओर )सुभाष मिश्रपिछले कुछ समय...

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गुड़ खायें, गुलगुले से परहेज करें

गुड़ खाए और गुलगुले से परहेज़ करें—भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का ताज़ा खेल यही कहावत दोहराता दिख रहा है। नेताओं की जुबान पर जंग, खिलाडिय़ों की हरकतों में...

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हंसा कर ले किलोल, जाने कभेरे मर जाने

दिनेश चौधरीथियेटर करने वाले लोग थोड़े जुनूनी किस्म के होते हैं, पर अरुण पाण्डेय कुछ ज्यादा ही थे। इसे साधने के फेर में खुद को निचोड़ डाला। सिर्फ नाटक ही करना ...

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सांसद ज्योत्सना महन्त ने की महामाया मंदिर में पुजा… गौतम परिवार के श्रीमद् भागवत कथा भंडारा में हुई शामिल

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शर्म करो… क्यों एक लेखक के पीछे पड़े हो?

ध्रुव शुक्लहिन्दी के प्रतिष्ठित कवि-कथाकार श्री विनोद कुमार शुक्ल को उनके उपन्यास -----' ...

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नवरात्रि गरबा में चढ़ा हिंदू-मुस्लिम रंग

-सुभाष मिश्रनवरात्रि के आगमन पर गरबा की थापें फिर चौक-चौराहों में गूंजने लगती है। यह पर्व न केवल मां दुर्गा की ...

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