01
Oct
आस्था का सम्मोहन और मौत का मेला
इस देश में आस्था कभी मंदिर के दरवाज़े पर सिर झुकवाती है, कभी चुनावी मंच पर नेता की झलक दिखाने के लिए भीड़ को पसीना बहवाती है। लोग देवता हों या अभिनेता, बाबाओं...
01
Oct
बदलता बस्तर : कितना आंतरिक कितना बाहरी !
(नक्सली हिंसा की आँच जंगल से शहर की ओर )सुभाष मिश्रपिछले कुछ समय...
30
Sep
30
Sep
गुड़ खायें, गुलगुले से परहेज करें
गुड़ खाए और गुलगुले से परहेज़ करें—भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का ताज़ा खेल यही कहावत दोहराता दिख रहा है। नेताओं की जुबान पर जंग, खिलाडिय़ों की हरकतों में...
29
Sep
महिला सशक्तिकरण या चुनावी सौदा?
बिहार की महिलाओं के खाते में पहुँचे 10-10 हज़ार, सवाल यह कि राहत स्थायी है या वोटों की रिश्वत। भारतीय राजनीति का इतिहास नारों की कब्रगाह है। कभी गरीबी हटाओ ने...
28
Sep
रंगबिरादरी खड़े करने वाले अरूण पांडेय को सभी ने किया याद…
हम दोनों हरिशंकर परसाई स्कूल से हैं । हमारा स्कूल एक था,हमारा कुनबा एक था। और हमारा DNA एक हैं, क्योंकि हम उसी तरह से चीजों को बदलने की कोशिश करते हैं जैसे पर...
27
Sep
हंसा कर ले किलोल, जाने कभेरे मर जाने
दिनेश चौधरीथियेटर करने वाले लोग थोड़े जुनूनी किस्म के होते हैं, पर अरुण पाण्डेय कुछ ज्यादा ही थे। इसे साधने के फेर में खुद को निचोड़ डाला। सिर्फ नाटक ही करना ...
27
Sep
किस्साएं बड़के दा, रंगसंगीत और बतकही के ज़रिए अलबेले अरूण पांडे की बात
विवेचना रंगमंडल जबलपुर के ज़रिए अपनी लंबी और यादगार रंगयात्रा तय करके एक बड़ी रंगबिरादरी खड़े करने वाले अरूण पांडेय के रंगकर्म, संबंधों और नाटक के प्रति उनके ...
26
Sep
भारत में 6जी संचार सेवाओं की शुरुआत
भारत की डिजिटल यात्रा बीते एक दशक में अद्भुुत रही है। 2016 में जब देश में 4 जी सेवाएं व्यापक रूप से आईं, तब इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 30 करोड़ थी। आज ...