Bhatapara news – स्प्रिंकलर जोरदार लेकिन ड्रिप इरीगेशन…?

सीजन ने दी दस्तक

राजकुमार मल
भाटापारा। रुझान बेहतर नजर आ रहे हैं क्योंकि स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर पाइप की कीमत स्थिर है लेकिन बीते बरस जैसी ही स्थिति पर रहने की धारणा है ड्रिप इरिगेशन पाइप में। यह इसलिए क्योंकि यह विधि अब तक विस्तार नहीं ले पाई है किसानों में।
खरीफ फसल की कटाई अब जोर पकडऩे लगी है। शीघ्र और मध्यम अवधि में तैयार होने वाली प्रजाति की कटाई के साथ अब रबी फसल की भी तैयारी किसानों ने चालू कर दी है। ऐसे में इस दफा स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर पाइप की कीमत को लेकर पूछ-परख चालू हो चली है। बेहतरी की संभावना इसलिए है क्योंकि कीमत स्थिर है। आगे भी ऐसी स्थिति रहने की धारणा है।

380 और 350 रुपए
रुझान से अच्छी खरीदी के संकेत मिलने लगे हैं। यह इसलिए क्योंकि रबी फसल का रकबा न केवल साल-दर- साल बढ़ रहा है बल्कि ऐसी फसलें बोई जा रहीं हैं, जिन्हें अल्प सिंचाई पानी की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में स्प्रिंकलर सिस्टम बेहतर परिणाम देने वाला इसलिए माना जाता है क्योंकि यह जल अपव्यय जैसी स्थिति नहीं बनने देता। इसलिए यह विधि किसानों में लोकप्रिय है। अब आएं कीमत पर। स्प्रिंकलर पाइप 380 रुपए पर ठहरा हुआ है, तो स्प्रिंकलर का नोजल सेट 350 रुपए पर शांत है।
इससे बेहतर कोई नहीं लेकिन

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पानी की हर बूंद कीमती है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। जोरदार परिणाम देने वाली यह विधि अब तक फैलाव नहीं ले पाई है जितनी होनी चाहिए थी। फलों की खेती करने वाले किसानों तक पहुंच अब फैलाव तो ले रही है लेकिन फूल और सब्जी फसलों की खेती करने वाले किसानों से दूर ही है ड्रिप इरिगेशन सिस्टम। शासकीय योजनाएं तो हैं लेकिन प्रोत्साहित और जागरूक करने वाला मैदानी अमला गंभीर नजर नहीं आता लिहाजा कीमत 6 रुपए 80 पैसे से लेकर 10 रुपए मीटर पर ठहरी हुई है।

बारी रिटेल काउंटर की
होलसेल मार्केट अब अंतिम चरण में है। मिले ऑर्डर पूरे किए जा रहे हैं। मांग दोगुना के करीब इसलिए पहुंची हुई है क्योंकि रबी फसल लेने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर पाइप यूनिटों ने उत्पादन बढ़ाया हुआ है जबकि ड्रिप इरिगेशन पाइप की मांग में मामूली बढ़त देखी जा रही है। इसलिए डिमांड के आधार पर ही हुए उत्पादन की मात्रा तय किए गए। यह सब पूरा होने के बाद बारी अब रिटेल काउंटरों की है जहां किसान पहुंचने लगे हैं।

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