अंंधेरे में अंधेरा दूर करने वाले
भाटापारा। क्लॉथ, कास्मेटिक्स एंड ड्रग्स, शूज, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप। सूनी हैं यह सभी संस्थानें। ऑनलाईन शापिंग ने इन सभी को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है। लगभग 60 फीसदी हिस्सा हाथों से निकल जाने के बाद अब यह, शेष क्षेत्र से बेहतर मांग निकलने की प्रतीक्षा में है।
दीपावली के लिए महज कुछ घंटे शेष हैं। इसके बावजूद रौनक गायब है कुछ विशेष क्षेत्र से। बेहतर की उम्मीद में इसने इस बरस अच्छी- खासी पूंजी लगाई हुई है लेकिन अब इस पूंजी की वापसी संकट मे जान पड़ रही है। इसलिए अब शादी-ब्याह की तारीखों से उम्मीद बांधने में लगा हुआ है। जहां ऑनलाइन शॉपिंग पर जरा कम ही भरोसा किया जाता है।
सूने हैं क्लॉथ शॉप
बेहतर फसल। बेहतर दीपावली बोनस। माह के अंत में त्यौहार और वेतन। इन सभी वजहों ने कपड़ा दुकानों को विशेष तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन अब पछता रही है संस्थानें क्योंकि सारा दिन बेहतर की प्रतीक्षा में बीता जा रहा है। छिटपुट ग्राहकी तो है लेकिन पर्व की खरीददारी सिरे से गायब है। यह सब इसलिए क्योंकि ऑनलाइन शॉपिंग में कपड़ों की खरीदी शीर्ष पर है। वजह सिर्फ एक, 10 से 50 फ़ीसदी डिस्काउंट का ऑफर। परिणाम लगभग 60 फ़ीसदी हिस्सेदारी हाथों से निकलता देखने के लिए विवश है कपड़ा बाजार।