Sakti News- सक्ती दारू भट्टी और चखना सेंटर में हो रहा खेला…

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0 आबकारी विभाग की मिलीभगत से रोज हो रहा लाखों का खेल शासन खामोश क्यों?

सक्ती। सक्ती की देशी-विदेशी मदिरा दुकान एवं चखना दुकान के संचालन के लिए शासकीय अहाता सेंटर का टेंडर होने के बाद भी ठेकेदार को 22 लाख रुपए के सालाना टेंडर अहाता दुकान का मिला है उसके बाद चखना दुकान का किराया जो 30 हजार महीना दुकान का किराया था उसको 120 महीना मांगा जा रहा है जिसमें आबकारी विभाग के पवन राठौर और भाटिया ग्रुप के मैनेजर गुप्ता की संलिप्त होने की खबर आ रही है जिससे ठेकेदार से काम न करने काम हमको देने मिलकर काम करने के लिए परेशान किया जा रहा है। और उन्हें आबकारी विभाग के अधिकारियों के भाटिया ग्रुप के मैनेजर गुप्ता के द्वारा डराया धमकाया जा रहा है कि अगर अहाता चलाना है तो हमको पार्टरशिप देना होगा हमारे हिसाब से चलाना होगा नहीं तो हम चखना सेंटर चलने नहीं देंगे साल भर तुमको प्रताड़ित कर देंगे पूरा विभाग हमारे हिसाब से मैनेज है बाहर में चखना दुकान लगवा देंगे तुम बाहर के आदमी हो हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते ।विगत कई वर्षों से यहां चखना दुकान का जो भी ठेका लेता है वो हमको लेकर चलता है जब ही वह यहां दुकान चला पाता। उक्त बातों को सुनकर चखना दुकान के ठेकेदार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार सक्ती में संचालित देशी-विदेशी मदिरा दुकान के पास शासकीय अहाता सेंटर का टेंडर हुआ है, जहां चखना सेंटर का संचालन किया जाता है। इसके बाद भी मदिरा दुकान से 100-150 मीटर की परिधि में लगभग 10-12 अवैध चखना सेंटर संचालित किए जा रहे हैं, जिससे यहां शराबियों का जमघट लगने लगा है। छत्तीसगढ़ अहाता पॉलिसी के अनुसार शराब दुकान के 100-150 मीटर की परिधि में कोई दूसरा व्यक्ति चखना सेंटर नहीं खोल सकेगा। इसके बाद भी यहां इस तरह से नियम विरूद्ध चखना सेंटरों के संचालन से आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। एक ओर यहां से गुजरने वाले नागरिक हलकान हो रहे हैं, वहीं आबकारी विभाग का सुस्त रवैया और खामोशी समझ से परे है।

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गौरतलब रहे कि शराब दुकानों का संचालन ऐसे स्थानों पर किया जाना चाहिए जो आम आदमी के लिए कष्टदायक न हो। इस बार अहाता दुकान का ठेका होने के बाद भी मनमाने स्थान पर अवैध चखना दुकानों का संचालन शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारी नियमों का पालन कराने के बजाए मौन साधे हुए हैं।

जगह-जगह दिख रही शराब की बोतल

शासकीय अहाता सेंटर से अलग चलाए जा रहे चखना सेंटरों के आसपास जगह जगह शराब की बोतलें फेंकी गई हैं। चूंकि यहां के नागरिकों का यहां से आना जाना लगा रहता है। ऐसे में आक्रोश पनपना स्वाभाविक है। जगह-जगह शराब की बोतलें पड़ी दिख रही हैं और बोतलें लहराते हुए शराबी नजर आते हैं। लगता है कि आबकारी विभाग के अधिकाारियों को जन समस्या से कोई सरोकार नहीं रहा तभी तो यहां अवैध तरीके से संचालित चखना सेंटर के संचालकों के हौसले बुलंद हो चले हैं, ज आमजन की समस्या को नहीं सुना।

चेतावनी जारी

शराब दुकान के निकट संचालित अवैध चखना सेंटरों को लेकर यहां के रहवासियों ने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी है कि नियम विरूद्ध संचालित चखना सेंटरों में उमड़ रही शराबियों की भीड़ और बिगड़े रहे माहौल से यदि जनसमस्या बढ़ेगी, तो वे इसके निदान के लिए सडक़ पर उतरेंगे जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन और आबकारी विभाग की होगी।

नशे में धुत्त लहराते शराबी घूरते हैं…

शहर की महिलाओं और छात्र छात्राओं का इस मार्ग से दिन भर आना जाना रहता है। जब छात्राएं गुजरती हैं तो शराबी उन्हें घूरते हुए उनके बारे में अनाप-शनाप बातें करते हैं। शाम के समय नगरवासी घूमने के लिए जाते थे लेकिन शराबियों का जमावड़ा देख अब वहां आना-जाना बंद कर दिया गया है। शाम होने के बाद यहां से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। शराबियों का जमघट और उत्पात मचाते लोगों के कारण महिलाओं को खासी दिक्कत हो रही है। और शहर के बीचों बीच स्थित उक्त शराब दुकान के पास आय दिन बाद विवाद मार पिटाई मर्डर तक हो चुका। कई बार दारू भट्टी को हटाने के लिए सड़क पर आंदोलन तक की स्थिति आ चुकी है उक्त जमीन मालिक की और आबकारी विभाग के उच्चाधिकारी की मिलीभगत की वजह से उक्त जगह की शराब दुकान आज दिनांक तक हटाई नई जा सकी है। स्थिति इतना विकराल रूप ले चुकी है कि जल्द ही अगर उस जगह से शराब दुकान नहीं हटाई जाती है तो कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।

वर्जन:-
मैने चखना दुकान चलाने का ठेका शासन से 1अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2024 तक का लिया है जिसमें 30 हजार महीना अहाता दुकान का किराया देता था लेकिन आबकारी विभाग के द्वारा दुकान चलाने में मेरा कोई सहयोग नहीं किया गया अहाता दुकान के बाहर 8 से 10 चखना दुकान लगाई जाती थी जिसको हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया जिससे मुझे लंबा नुकसान हुआ।इस वजह से इस साल मैने ठेका नहीं लिया….शुभम अग्रवाल(पूर्व ठेकेदार)

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