Subhash Mishra

नेहरू

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -आखिर इस दौर में भी क्यों प्रासंगिक हैं नेहरू

From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra – Why Nehru is relevant even in this era – सुभाष मिश्र बहुत साल पहले हमने नियति से एक वादा किया था और अब उस वादे को पूरी तरह तो नहीं, लेकिन काफी हद तक पूरा करने का वक्त आ गया है। आज जैसे ही घड़ी की सुईयां […]

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – आरक्षण का बढ़ता दायरा और नोटबंदी की याद

– सुभाष मिश्र देश में आरक्षण की शुरुआत तकरीबन 139 साल पहले 1882 में हुई थी. इसके लिए हंटर आयोग का गठन , उस वक्त समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले ने सभी के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा, साथ ही अंग्रेज सरकार की नौकरियों में आनुपातिक आरक्षण की मांग की थी। 1908 में अंग्रेजों ने

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election

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – उपचुनाव यानि आत्म अवलोकन का मौका !

From the pen of editor-in-chief Subhash Mishra – By-election means a chance for self-observation! – सुभाष मिश्र 5 दिसंबर को गुजरात के साथ छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में उपचुनाव होना है। आदिवासी नेता मनोज मंडावी के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है। वैसे देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए एक साल

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Festival

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – सहजता की सीख देता महोत्सव

From the pen, Editor-in-Chief, Subhash Mishra, Festival, giving, lessons, spontaneity सुभाष मिश्र छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में हिस्सा लेने दुनिया के कई देशों के ट्राइबल कलाकार आए हुए हैं. इस बहाने कई राज्य़ों और देशों के आदिवासी समाज को करीब से देखने का मौका मिला. भले ही रंग रूप बोली

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -चुनाव पास आते ही रोजगार की बात

From the pen of editor-in-chief Subhash Mishra – talk of employment as soon as the elections are near – सुभाष मिश्र चुनाव पास आते ही अचानक से देश में रोजगार को लेकर चर्चा तेज हो गई है, वैसे तो हमारे देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है, लेकिन चुनाव के पहले इसको

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -धान से आगे सोचने का वक्त

From the pen of Editor-in-Chief Subhash Mishra – Time to think beyond paddy – सुभाष मिश्र छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, यहां प्रचुर मात्रा में धान की पैदावार होती है। साथ ही यहां धान के अनेक किस्में भी पाई जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार धान का सर्वाधिक समर्थन मूल्य भी दे रही है।

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से- सिनेमा समाज और सवाल…

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से- सिनेमा समाज और सवाल… – सुभाष मिश्र जब से वेबसीरीज का दौर आया है विषय आधारित अभिनय के नाम पर ऐसे द्रश्यों और संवाद की भरमार कर दी जा रही है जिसे सहज तौर पर परिवार के साथ देखना कठीन है। अश्लीलता के मापदंड पर समाजशास्त्रियों का तर्क

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – रायपुर : सफर महानगर का…

From the pen of editor-in-chief Subhash Mishra – Raipur: Travel of the metropolis… – सुभाष मिश्र कलचुरी राजा ब्रह्मदेव राय ने 1402 में खारुन नदी के तट पर इस स्थान पर एक नगर की स्थापना की इसे रायपुर नाम दिया गया. कई सदियों से ये शहर इस इलाके के लिए प्रमुख व्यापारिक और राजनैतिक केन्द्र

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Political destination of travels

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से – यात्राओं की सियासी मंजिल

From the pen of editor-in-chief Subhash Mishra – Political destination of travels – सुभाष मिश्र हमारे देश में यात्राओं का खास महत्व रहा है। आम आदमी से जुडऩेे साथ ही देश की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए आपको इससे बेहतर माध्यम नहीं मिल सकता और अगर ये यात्रा पैदल हो तो इसका महत्व और

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प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -इस अंधकार से लड़ना होगा

प्रधान संपादक सुभाष मिश्र की कलम से -इस अंधकार से लड़ना होगा   From the pen of editor-in-chief Subhash Mishra – this darkness has to be fought -सुभाष मिश्र नशा एक सामाजिक बुराई है, कई तरह के अपराध और हादसों का जड़ नशा है. दुरभाग्य से युवा पीढ़ी इसकी जद में आ रहा है, ये

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