हाईकोर्ट ने मंतूराम पवार की याचिका का निपटारा, बघेल सरकार ने शुरू करवाई थी जांच

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अंतागढ़ टेप कांड मामले में हाईकोर्ट ने मंतूराम पवार की याचिका का निपटारा कर दिया है। सुनवाई के दौरान शासन की तरफ से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने कोर्ट को बताया कि इस केस में दर्ज FIR का खात्मा हो चुका है। केस में पूर्व मंत्री राजेश मूणत, दिवंगत पूर्व मुख्यंमत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता, मंतूराम पवार पर धोखाधड़ी और पैसों के प्रलोभन और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत पंडरी थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामले में जांच पूरी करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल हो चुकी है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दिया।

हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस रमेश सिन्हा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। बता दें कि साल 2014 में अंतागढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने मंतूराम पवार को प्रत्याशी बनाया था। ऐन वक्त पर उन्होंने नाम वापस लेकर भाजपा प्रत्याशी को वॉकओवर दे दिया था। इस बीच एक सीडी सामने आई थी, जिसमें कथित तौर पर तत्कालीन कांग्रेस विधायक अमित जोगी, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता आदि के बीच बातचीत में सात करोड़ रुपये की डील की बात सामने आई थी। इस मामले में कांग्रेस ने उसी समय एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने में शिकायत की, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया था।

2018 में कांग्रेस सरकार ने कराई SIT
साल 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसआईटी जांच शुरू करा दी थी। इस मामले में कांग्रेस संगठन ने मुकदमा भी दर्ज कराया था। शिकायत में बताया गया कि कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत, तत्कालीन विधायक अमित जोगी और लोक सेवक डॉ. पुनीत गुप्ता ने साजिश रची थी। कांग्रेस प्रत्याशी को प्रलोभन देकर नाम वापस कराया। बाद में मंतूराम पवार भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद अब केस बंद कर दिया गया है।

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