बेटा बोला- डॉक्टर्स भी नहीं बता पा रहे मां देख पाएगी या नहीं
रायपुर/दंतेवाड़ा। मेरी मां को गांव की मितानिन अपने साथ लेकर गई। हम घर वालों को कुछ नहीं बताया गया। आंखों की सर्जरी करवाकर मां को घर में छोड़ गए। दो दिन बाद मां की तबीयत बिगड़ गई। आंखों में इन्फेक्शन के कारण दिखाई देना बंद हो गया। कमाने वाला अपने परिवार में अकेला मैं ही हूं, त्योहार सिर पर है हम यहां पड़े हैं। ये बातें दंतेवाड़ा जिले के बींजाम गांव के अजय ने कही है।
दंतेवाड़ा की 59 साल की सुको बाई की आंखों का जबरन ऑपरेशन कर दिया गया। उनके बेटे अजय ने बताया कि सहमति छोडि़ए ऑपरेशन की खबर तक नहीं दी गई। इन्फेक्शन के दर्द से मां की आंखें सूज गई हैं। अंबेडकर अस्पताल के नेत्र विभाग के आइसोलेटेड वार्ड में हैं। सुको बाई के अलावा ऐसे ही 12 मरीज यहां हैं।
घर से जबरन मितानिन लेकर गई
अजय ने बताया कि उसकी मां सुको बाई ने घर में कभी किसी को नहीं बताया कि उसे देखने में कोई परेशानी हो रही है। कभी-कभी आंख में कुछ चला जाता था और दर्द होता था, बस इतना ही, लेकिन घर में मेरे भाई और भाभी भी रहते हैं। गांव की मितानिन ने मेरी मां को अस्पताल ले जाकर बिना किसी को बताए उसका ऑपरेशन करवा दिया। अब हम परेशान हैं। कम से कम उसे हमें बताना तो चाहिए था।
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65 साल की हिरदई की आंखों का भी ऑपरेशन
वहीं दंतेवाड़ा जिले के बींजाम की रहने वाली 65 साल की हिरदई का भी मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है। ऑपरेशन के बाद इनके आंखों में सूजन आ गई है। आंख से अब कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। आनन-फानन में परिजन इन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसके बाद इन्हें रायपुर रेफर कर दिया गया है।
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बेटा बोला- हमें नहीं दी जानकारी
हिरदई के बेटे पतिराम नाग ने कहा कि, ऑपरेशन से पहले मेरी मां बिल्कुल ठीक थी। ऑपरेशन के बाद अब इन्हें दिखाई नहीं दे रहा है। गांव की मितानिन इन्हें अस्पताल लेकर आईं थी, जिसकी जानकारी हमें भी नहीं थी। अब रायपुर के अस्पताल लेकर जा रहे हैं। डॉक्टरों से लापरवाही हुई है, जिसका खामियाजा अब हमें उठाना पड़ रहा है।
सिर्फ बींजाम से ही 13 मरीज गए थे अस्पताल
दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में कुल 39 मरीजों का ऑपरेशन हुआ इनमें 12 मरीज सिर्फ बींजाम के ही हैं। वहीं ऑपरेशन के 2 दिन बाद 2 मरीजों की स्थिति बिगड़ी थी, जिन्हें सबसे पहले अस्पताल लेकर गए थे। वहीं सोमवार को एक और महिला को दिखना कम हुआ था, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें भी लेकर गए। वहीं इस गांव के अब तक 3 मरीज रायपुर रेफर किए जा चुके हैं।
कुछ की स्थिति ठीक
बींजाम गांव में ही हम एक और पेशेंट पांडे बाई के घर गए। हालांकि, उनकी स्थिति ठीक थी। पांडे बाई ने बताया कि उनका भी मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है। ऑपरेशन के बाद से उन्हें अब तक कोई तकलीफ नहीं है। उनके साथ जो लोग गए थे उन्हें ज्यादा परेशानी हुई है।
39 मरीजों का हुआ था ऑपरेशन
दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में कुल 39 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। अब 14 लोगों की आंखों में दिक्कत आ गई है। ऑपरेशन के बाद अब किसी को एक आंख से पूरी तरह दिखना बंद हो गया है तो किसी को धुंधला दिख रहा है। इनमें से 10 लोगों को पहले ही राजधानी रायपुर रेफर कर दिया गया था। अब अन्य 4 मरीजों को रायपुर रेफर किया गया है।