Korea district- कोरिया जिला में नशे की चेन: बच्चों का भविष्य दांव पर

 

कोरिया। जिला के सोनहत इलाके में एक चिंताजनक तस्वीर उभर रही है, जहां पिछले कुछ दिनों से चार पहिया गाड़ियों से पेट्रोल की चोरी की घटनाएं तेज हो गई हैं। इसके अलावा, यहां के युवा और किशोर नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 साल के बच्चे खुलेआम नशे के इंजेक्शन और गांजा का सेवन कर रहे हैं, जो इलाके के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।

नशे का भयानक कारोबार

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स्थानीय निवासियों के अनुसार, गांजा और अन्य नशीले पदार्थों का धड़ल्ले से कारोबार हो रहा है। “हमने कई बार देखा है कि बच्चे दुर्गा मंदिर के बाउंड्री के पीछे गांजा पीते हुए घूमते हैं। यह बेहद चिंताजनक है,” एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। इस स्थिति से न केवल बच्चों का भविष्य खतरे में है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए भी गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।

नाबालिगों की बढ़ती नशे की लत

कुछ महीने पहले एक नाबालिग लड़के ने सोनहत में एक कपड़े की दुकान में आग लगा दी थी। इस घटना के बाद वह जेल में है, लेकिन इस बात का खुलासा हुआ है कि वह पहले से ही नशे का आदी था। उसके जैसे कई बच्चे हैं जो नशे की आदत में डूबते जा रहे हैं,” “यहां तक कि वे आपस में पैसे इकट्ठा कर गांजा खरीदते हैं, जो एक खतरनाक ट्रेंड बनता जा रहा है।”

पुलिस की कार्रवाई की आवश्यकता

इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इस पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बढ़ते चोरी के मामलो को देखते हुए पुलिस प्रशासन को शीघ्र कार्यवाही की जरूरत है लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि कार्रवाई की गति धीमी है और इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

समाज के लिए एक गंभीर चिंता

सोनहत में नशे के बढ़ते मामलों के साथ-साथ पेट्रोल चोरी की घटनाएं भी चिंताजनक हैं। “यदि इसे जल्दी नहीं रोका गया, तो हम एक गंभीर अपराध से भरपूर वातावरण में पहुंच सकते हैं। बच्चे जब नशे में रहते हैं, तो लूटमार की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं,” एक स्थानीय शिक्षिका ने टिप्पणी की।

इस पुरुषार्थ से यह साफ है कि सोनहत में नशे और अपराध की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि स्थानीय प्रशासन और समाज इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाते हैं, तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकार में डूब सकता है। यह समय है जागरूकता बढ़ाने और मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने का।

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