-सुभाष मिश्र
छत्तीसगढ़ राज्य युवा हो रहा है। 1 नवंबर 2000 को इस राज्य की स्थापना हुई और 4 नवंबर को अपना राज्योत्सव मना रहा है। इस बार राज्योत्सव नया रायपुर में मनाया जा रहा है। राज्योत्सव के साथ बहुत सी चीजे जुड़ी हैं। जब राज्य बना तब राज्य गीत नहीं था, पर अब राज्य गीत है। नरेन्द्र वर्मा की गीत ‘अरपा-पैरी की धार, महानदी है अपार।Ó अब अगर हम 24 साल की यात्रा की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ के साथ दो और राज्य झारखंड और उत्तराखंड बने। उतराखंड देवभूमि है, वहां प्राकृतिक सौन्दर्य है। वहां बहुत से ऋषि-मुनियों के आश्रम हैं। कई बड़े धार्मिक स्थल हैं, इसलिए वहां लोगों का पहले से ही आना-जाना था। झारखंड लगभग छत्तीसगढ़ से मिलता-जुलता है। झारखंड में भी जंगल है। प्राकृतिक संपदा है। आदिवासी जनजीवन आदि है, लेकिन झारखंड की राजनीति स्थिर नहीं रही। वहां क्षेत्रीय दलों का भी प्रभुत्व रहा। छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रदेश से अलग होकर बना। 26.33 भू-भाग छत्तीसगढ़ के हिस्से में आया। दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे। छत्तीसगढ़ के हिस्से में 90 विधानसभा सीटें आई। जब छत्तीसगढ़ राज्य बना उस समय मध्य प्रदेश विधानसभा का तीन साल कार्यकाल बचा हुआ था। इसलिए चुनाव नहीं कराए जा सकते थे। लिहाजा, मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आए और अजीत जोगी मुख्यमंत्री बनाए गए।
अजीत जोगी पहले आईएएस अधिकारी थे और यहां कलेक्टर भी रह चुके थे। उनके पास एक विजन था। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया। उनको लगता था कि प्रदेश की राजधानी रायपुर की अधोसंरचना उतनी मजबूत नहीं है, जितनी होनी चाहिए। लिहाजा उन्होंने नई राजधानी की परिकल्पना की और बहुत सी ग्लोबल एजेंसियों को बुलाया, उन एजेंसियों के प्रजेंटेशन देखे। हालांकि, इस बीच अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का कार्यकाल पूरा हो गया। पहले ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई और भाजपा की सरकार बन गई। डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए। एक-दो साल नई राजधानी विकसित करने का काम बंद रहा, मगर मुख्यमंत्री रमन सिंह को इसकी जरूरत समझ आई। इसके बाद अजीत जोगी की चिन्हित जमीन में थोड़ा बदलाव कर नई राजधानी विकसित करने का काम शुरू हुआ। पहले नई राजधानी के लिए सोनिया गांधी ने आधारशिला रखी और बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नई आधारशिला रखी। अटल बिहारी वाजपेयी को राज्य निर्माण श्रेय जाता है, क्योंकि उन्होंने ने वादा किया था कि वह छत्तीसगढ़ राज्य बनाएंगे और उन्हीं की सरकार ने लोकसभा में राज्य पुनर्गठन बिल पास कर छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड राज्य बनाया। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में नारा दिया था कि ‘हमने बनाया, हम ही संवारेंगेÓ आज हम छत्तीसगढ़ राज्य के 24 साल की यात्रा की बात कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ ने 24 साल में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे। गठन के पहले तीन साल अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार रही। इसके बाद 15 साल तक डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार रही। फिर पांच साल भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार रही और अब फिर विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। इस पूरी यात्रा में नया रायपुर एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दिखता है। 2012 में नया रायपुर में नए मंत्रालय से कामकाज शुरू हुआ। अभी हाल में ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नया रायपुर के मुख्यमंत्री आवास में गृह प्रवेश किया है। एक अन्य मंत्री रामविचार नेताम भी नया रायपुर के आवास में जा चुके हैं। अब धीरे-धीरे दूसरे मंत्री भी नया रायपुर के आवास में जाने की तैयारी में हैं। अब नया रायपुर में बहुत से अस्पताल हैं। बहुत से शिक्षण संस्थान हैं। 24 साल की यात्रा में बिलासपुर में हाईकोर्ट आया। रायपुर में मंत्रालय आया। रायपुर और बिलासपुर की दूरी अच्छी सड़क और रेल सुविधा के कारण कम हो गई। बहुत सी अधोसंरचना का विकास हुआ। कृषि, औद्यगिक, सामाजिक क्षेत्र में प्रगति हुई। राज्य की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हुआ। राज्य के लोगों के जीवन स्तर सुधार आया। राज्य का बजट 26 गुना हो गया। प्रति व्यक्ति आय में 14 गुना की बढ़ोतरी हुई। शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण में सुधार हुआ। राज्य विकास के नित नए आयाम गढ़ रहा है।
छत्तीसगढ़ में 13 अक्टूबर 2024 को भारतीय जनता पार्टी की विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल के 10 महीने पूरे हो गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी से शुरू हुई राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सुशासन की स्थापना की। भाजपा सरकार अपने घोषित संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। भूमिहीनों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने, लोगों का जीवन स्तर सुधारने, लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और उनकी गरीबी दूर हो इस दिशा में सरकार ने निर्णय लिए। विष्णुदेव सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक में मोदी की गारंटी के अनुरूप 18 लाख 12 हजार 743 जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने स्वीकृति दी। इसके लिए 12 हजार 168 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। अब कोशिश है कि कोई भी आवासहीन ना रहे और जो भी आवासहीन है, उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए जाएं। मोर आवास मोर आधिकार कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के हाथों प्रधानमंत्री आवास योजना के 5.11 लाख हितग्राहियों के खातों में पहली किश्त के रूप में 2044 करोड़ रुपए जारी किए गए। 01 लाख 66 हजार 832 हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया गया। सरकार चाहे विष्णुदेव की हो, चाहे सरकार डॉ. रमन सिंह की हो, चाहे सरकार भूपेश बघेल की हो, चाहे अजीत जोगी की हो। चारों सरकारों की कोशिश रही कि छत्तीसगढ़ विकास के नए आयाम गढ़े और छतीसगढ़ अपनी जरूरतों के अनुसार तरक्की करे। छत्तीसगढ़ के साथ ही अलग हुए राज्य झारखंड और उत्तराखंड से तुलना करें तो हम देखते हैं कि छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना, शिक्षण संस्थान और स्वास्थ्य सुविधा में अधिक तरक्की की। एक समय छत्तीसगढ़ पिछड़ा समझा जाता था। मध्य प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारियों का तबादला सजा के तौर पर छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में की जाती थी। अब उसी छत्तीसगढ़ में लोग अपनी पदस्थापना चाहते हैं। आज छत्तीसगढ़ का संपर्क पूरे देश से है।
अटल जी के जन्मदिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खातों में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस अंतरित कर इस गारंटी को भी पूरा किया। भाजपा ने गारंटी पूरी की। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में सफलता मिली। भाजपा ने 11 में से 10 जीत ली और कांग्रेस को केवल एक सीट मिली। भाजपा लगातार यह बता रही है और साबित करने का प्रयास कर रही है कि हमने बनाया है और हम ही संवारेंगे। छत्तीसगढ़ में धान की बड़ी भूमिका है। राज्य सरकार ने मोदी की गारंटी के अनुरूप 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की। किसानों को 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किया गया और फिर 12 जनवरी को 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए का एकमुश्त अंतरण किया गया। राज्य में 145 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और माना जाता है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में धान के बिना बात नहीं हो सकती। छत्तीसगढ़ ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा काम करते हुए महतारी वंदन योजना के अंतर्गत महिलाओं के बैंक खातों में राशि अंतरण का शुरु किया। इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को प्रति माह एक-एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। योजना का लाभ लगभग 70 लाख महिलाओं को मिल रहा है। अब तक इस योजना की 09 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। 179 महतारी सदन के निर्माण के लिए 52 करोड़ 20 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई। प्रत्येक महतारी सदन 2500 वर्गफीट में निर्मित होगा जिसकी लागत राशि 29.20 लाख रुपए होगी। छत्तीसगढ़ में वन संपदा बाहुल्य क्षेत्र है, इसलिए तेंदूपत्ता संग्रहण पर ध्यान दिया गया। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। 12 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को योजना का लाभ मिल रहा है। हितग्राहियों को बोनस का लाभ भी मिल रहा है। आदिवासी केवल वन संपदा के भरोसे ना रहे, बल्कि पढ़े-लिखे और आगे बढं़े, इसलिए नई दिल्ली के ट्रायबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर अब 185 कर दी गई है। दिल्ली में रहकर संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की तैयारी करने के इच्छुक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए इस हॉस्टल में तीन गुना से भी अधिक सीटें उपलब्ध कराई गई। यह बताता है कि छत्तीसगढ़ किस प्रकार विकास के काम कर रहा है। शिक्षा और नौकरी में राज्य के युवाओं को लाभ मिले, इसके लिए पुलिस विभाग सहित विभिन्न शासकीय भर्तियों में निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट दी गई। युवाओं के मन में था की पीएसी में घोटाले हुए हैं। लिहाजा सरकार ने पीएससी की घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। यूपीएससी की तर्ज पर छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए आयोग का गठन किया गया है। यह बताता है कि विष्णुदेव सरकार जो दावा करती है कि वह सुशासन लाएगी तो उस दिशा में यह ठोस पहल है।
राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की निगरानी और समीक्षा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर 2023, सुशासन दिवस पर अटल मॉनिटरिंग पोर्टल का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम शुभारंभ किया। इससे पोर्टल पर एक बार आवदेन से ही सभी विभागों का क्लीयरेंस मिलेंगे। ऑफलाइन मोड में किसी भी कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। उद्योग स्थापना के लिए किन विभागों से क्लीयरेंस लेना होगा, यह जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध हैं। सिंगल क्लिक पर आवेदन की स्थिति देखी जा सकेगी। इसके लिए ही ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल और स्वागतम पोर्टल शुरू किया गया है।
छत्तीसगढ़ में अपार खनिज संपदा है। यही कारण था कि अजीत जोगी अक्सर कहा करते थे कि अमीर धरती के गरीब लोग। धरती के नीचे तो बहुत संपदा है, इसी धरती के उपर गरीब लोग रहते हैं, इसलिए जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों की हिस्सेदारी होगी तो छत्तीसगढ़ का आदिवासी और किसान समृद्ध होगा और छत्तीसगढ़ आगे बढ़ेगा। ग्रामीण घरों को नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत 4500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ में 40 लाख परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। प्रदेश में भू-जल में समस्या वाले गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत मल्टी-विलेज योजना पर काम शुरू हो गया है। 4527 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के 18 जिलों में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम प्रारंभ है। इन योजनाओं के माध्यम से 3234 गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इन गांवों के दस लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जाएगा। भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए भी बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है। युवा स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में सड़क, रेल और हवाई यातायात की सुविधाओं के विस्तार का काम भी शुरू हो चुका है। बिलासपुर और जगदलपुर से नयी उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। जशपुर और बलरामपुर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए बजट में प्रावधान किया गया है, अंबिकापुर और जगदलपुर हवाई अड्डों में भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। अंबिकापुर में मां महामाया एयरपोर्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ के चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए भारत सरकार द्वारा 11 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी। उरगा-कटघोरा बाईपास (एनएच-149बी), बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट, और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा परियोजनाओं की कुल लंबाई 236.1 किलोमीटर है। भारत सरकार ने कुल 9208 करोड़ स्वीकृत किया है। केन्द्रीय सड़क निधि के तहत 908 करोड़ रुपए के आठ कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। सरकार कहती है कि यह डबल इंजन की सरकार है, इसलिए लोगों की सुविधा के लिए केशकाल घाट और धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चार लेन चौड़ीकरण कार्य की मंजूरी दी गई है। रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग एवं बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव मार्ग को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश। पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग निर्माण के लिए प्रक्रियाएं तेजी से चल रही है। रायपुर शहर टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच ग्रेड सेपरेटर व विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) को जोडऩे वाले मार्ग एवं रायपुर एक्सप्रेस-वे पर ग्रेड सेपरेटर बनाने की सहमति दी गई है। इसके अलावा सड़कों के विकास के लिए 1200 करोड़ की अतिरिक्त राशि की स्वीकृति मिली है। राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के निर्माण का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा, रावघाट-जगदलपुर और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। प्रदेश में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाईन निर्माण के लिए 300 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। इस रेल लाईन के बनने से नागपुर-झारसुगुड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली माल-गाडिय़ों का लोड कम होगा। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति द्वारा छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन को डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग हेतु भू-अर्जन एवं प्रारंभिक निर्माण कार्य के लिए 300 करोड़ की राशि दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के आदिवासी क्षेत्रों और अयोध्या धाम तक सीधी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री साय की पहल की है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 68 लाख गरीब परिवारों को 05 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में 34 सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ की गई है। नया रायपुर को आईटी हब बनाने का काम शुरू हो गया है। 2 आईटी कंपनियों के साथ एमओयू हुआ है। नया रायपुर को बेंगलुरू की तर्ज पर आईटी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू है। नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने हेतु सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक संस्थान, इलेक्ट्रानिक्स एवं इलेक्ट्रिकल उद्योगों के विकास हेतु रियायती प्रीमियम दर पर भूखण्ड आबंटन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार बस्तर और सरगुजा संभाग के विकास पर फोकस कर रही है। ये दोनों संभाग आदिवासी बहुल संभाग है। राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ ही शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
1 नवंबर 2000 से 4 नवंबर 2024 तक के 24 साल की यात्रा में छत्तीसगढ़ ने अलग-अलग उपलब्धियां हासिल की। अब तक के सभी मुख्यमंत्रियों ने विकास के नए-नए आयाम गढ़े हैं। छत्तीसगढ़ पयर्टन की दृषिट में भी महत्वपूर्ण है। खासकर बस्तर का इलाका। वहां चित्रकोट जैसा झरना है। कुटुमसर जैसी गुफा है। आदिवासी जनजीवन है। नारायणपुर में वनवासी कल्याण आश्रम है। प्रकृति ने बस्तर को जितना दिया है, शायद ही किसी क्षेत्र को मिला है। नक्सलवाद की समस्या अब वैसी नहीं रही जो पहले थी। छत्तीसगढ़ अब बदला-बदला दिख रहा है।